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पुलवामा के वीरों की
होगी कभी न शहादत फीकी
पीढ़ियां रखेंगी दिलों में जिंदा
वीरता से लड़े हो आप
न होने दिया हिंद को शर्मिंदा।
लहू का एक एक कतरा
वो अमिट निशान छोड़ गया है
उसी खून के खौफ से आज
एक एक आतंकी हिंदुस्तान छोड़ गया है।
मिट गए हैं हमें मिटाने वाले,
बांटने का सपना सजाने वाले।
रूह भी अब उनकी कांप जाएगी,
जो नजर भी अब इस ओर उठ जाएगी।
यही जज्बा है अब भी हमारे वीरों का,
घायल जवानों के भी बुलंद हैं हौसले-
आग बुझी नहीं है अब भी उनके तीरों का।
आपकी याद में अश्रुपूरित हैं आंखें हमारी,
निशानियां चूम रहे हैं देशवासी तुम्हारी।
शहीदों को शत् शत् नमन,
श्रद्धा के दो कुसुम अर्पित कर रहे हैं हम।