निवातिया की शायरी | Nivatiya ki Shayari
वफ़ा का सिला
वफ़ा का सिला तुम सवालों में रखना,
मेरा नाम शामिल जवाबों में रखना !
मेरे इन ख़तों को समझ कर के उलफ़त
मेरी यह निशानी क़िताबों में रखना !
हरे घाव काफी मुहब्बत के होंगे,
छुपा कर उन्हें तब हिजाबों में रखना !
मिटाना न दिल से, पुरानी जो यादें
सजा कर उन्हें तुम ख़यालों में रखना !!
लिखे है फ़साने जो दिल के सफ़े पर,
छुपा कर उन्हे तुम लिबासो में रखना !!
डी के निवातिया