आगाज़-ए-नूतन वर्ष – २०२३
( Agaz – E – Nutan Varsh-2023 )
आओं मिलकर विदा करें यह कोरोना एवं साल,
जिसने सबको बहुत रूलाया भूलेंगे ना हर हाल।
निकल गया ऐसा साल जो को-रोना से था भरा,
स्वागत अब नव वर्ष का खुद को रखना संभाल।।
ऐसा साल कभी न आऐ जिसमें बिछडे़ परिवार,
यादें ही रह जाएं दिलों में फिर से बरसे ये प्यार।
स्वस्थ और प्रसन्न रखें ईश्वर खुशियां भरे अपार,
आओ मिलकर संग निभाएं दुआ करें ये हजार।।
ढोल-नगाड़े गाजे-बाजे के संग झूमे पांव उठाय,
जितनी भी परेशानियां झेली सब को दे भुलाय।
वर्ष यह भूले याद न आऐ उथल-पुथल का दोर,
मीठी-मीठी खुशियां लाएं ये नूतन वर्ष की भोर।।
आगाज कर रहें है मिलकर हम सब नववर्ष का,
नसीब वही देगा हमको जो लेख लिखा सबका।
यह बीता हुआ समय कभी लोटकर नही आता,
एक हौंसला ही सबको उड़ने के पंख है लगाता।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )