ओ मेरे बेटे | O Mere Bete
ओ मेरे बेटे !
( O mere bete )
कल को जब तुम बड़े हो जाओगे
और मैं बूढ़ा हो जाऊंगा
तो तुम भी अपनी गृहस्थी बसाओगे
और एकदम व्यस्त हो जाओगे
तो तुम मुझ पर ध्यान दे पाओगे ना बेटा।
कल को जब लड़खड़ाने लगे मेरे कदम
शरीर में मेरे ताकत रहे ना एकदम
तो तुम मुझे सहारा दोगे ना बेटा
जैसे बचपन में मैं तुम्हें दिया करता था
और तुम्हारे हर एक चोट की परवाह करता था।
कल को जब मैं बिस्तर गीला कर दूं
और अनजाने में कोई गलती कर दूं
तो तुम मुझे डांटोगे तो नहीं
कल जब मेरे पैर काम करना बंद कर दे
तो तुम मेरा पैर बनोगे ना बेटा।
कल जब मेरी आंखें खराब हो जाए
मुझे आंखों से ना दे कुछ दिखाई
तो तुम मेरी आंखें बनोगे ना बेटा
कल जब मैं आंखें मूंदने वाला रहूं
तो तुम मेरे पास खड़े रहोगे ना बेटा।।
नवीन मद्धेशिया
गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )