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संभव हो तो

संभव हो तो | Kavita Sambhav ho to

संभव हो तो ( Sambhav ho to )   संम्भव हो तो कुछ बातों पे, मेरे मन की करना। सूर्ख रंग के परिधान पर तुम,कमरबन्द पहना।   लट घुघरालें एक छोड़ कर, जूडें को कस लेना, लाल महावर भरी पैजनी,थम थम करके चलना।   काजल की रेखा कुछ ऐसी, जैसी लगे कटारी। बिदिया चमकें ऐसे…

बता दो सब मेरी खता मुझको

बता दो सब मेरी खता मुझको | Ghazal Meri Khata

बता दो सब मेरी खता मुझको ( Bata do sab meri khata mujhko )   बता दो सब मेरी खता मुझको, दूर रहकर न दो सजा मुझको।।   टूट जाउंगा बिखर जाऊंगा, अश्क मोती नहीं दिखा मुझको।।   मैं तेरा गुनहगार हूं या नहीं, तूं अपना फैसला सुना मुझको।।   जिसके खातिर सहे हैं सितम,…

तुम्हारे संतान सदैव सुखी रहें

तुम्हारे संतान सदैव सुखी रहें | Lambi Kavita

तुम्हारे संतान सदैव सुखी रहें ( Tumhare santan sadaib sukhi rahe )   सभ्यता और संस्कृति के समन्वित सड़क पर निकल पड़ा हूँ शोध के लिए झाड़ियों से छिल गयी है देह थक गये हैं पाँव कुछ पहाड़ों को पार कर सफर में ठहरी है आत्मा बोध के लिए बरगद के नीचे बैठा कोई बूढ़ा…

बहु राज

बहु राज || Kavita

बहु राज ( Bahu Raj )   छोटे-छोटे  जब  थे  लाल मात-पिता कितने खुशहाल !   जननी जनक दुलारे सुत को पुत्र प्रेम में हारे खुद को  !      पाल पोस कर बड़ा किया   पैर पर उनको खड़ा किया ! मन में जागे फिर नए सपने बहू  बिना घर सुने  अपने  !  घर…

दोहा सप्तक

दोहा सप्तक | Doha Saptak

दोहा सप्तक ( Doha Saptak )   एक भयावह दौर से,गुजर रहा संसार। इक दूजे की मदद से,होगा बेड़ा पार। मानवता की सेवा में,तत्पर हैं जो लोग। दुआ कीजिए वे सदा,हरदम रहें निरोग। बेशक अवसर ढूंढिए,है यह विपदा काल। सौदा मगर ज़मीर का,करें नहीं हर हाल। सॉंसों के व्यापार में,जो हैं दोषी सिद्ध। पायें फॉंसी…

मेरी माँ

मेरी माँ | Meri Maa Par Kavita Hindi Mein

मेरी माँ ( Meri Maa ) ( 3 )  दर्द भी दवा बन जाती है, तेरे पास आकर, रोती आँखें भी मुस्काती है, तेरे पास आकर, मंज़र-ए-क़यामत है,आँचल में तेरी ठंडी हवा, क्योंकि जन्नत भी रुकती है, तेरे पास आकर, कैसे बताऊँ किस कदर मोहब्बत है तुमसे माँ, ज़िंदगी भी ज़िंदगी लगती है, तेरे पास…

मां

मां | Maa Par Kavita

मां ( Maa )   मां सहेली भी है, मां पहेली भी है, इस जहां में वो, बिल्कुल अकेली भी है। दुःख में हंसती भी है, सुख में पिसती भी है, नेह की प्यास में , ममता रिसती भी है, मां सुहानी भी है, मां कहानी भी है, मन को शीतल करे, मीठी वाणी भी…

हे गगन के चन्द्रमा

हे गगन के चन्द्रमा | Kavita

हे गगन के चन्द्रमा ( He gagan ke chandrama )   तुम हो गगन के चन्द्रमा, मै हूँ जँमी की धूल। मुझको तुमसे प्रीत है, जो बन गयी है शूल। तेरे बिन ना कटती राते, दिल से मैं मजबूर, हे गगन के चन्द्रमा, तू आ जा बनके फूल।   रात अरू दिन के मिलन सा,क्षणिक…

याद रहेगा

याद रहेगा | Kavita Yaad Rahega

याद रहेगा ( Yaad Rahega )   गुजर जायेगा ये वक्त मगर,याद रहेगा। कहर ढाहती वबा का असर,याद रहेगा। आलम  ये बेबसी का, यह मौत का मंजर, सितम गर बना है सारा शहर,याद रहेगा। अपना है दोष या के,साहब की ग़लतियां। संसार  को  सब  कोर कसर,याद रहेगा। लुका-छिपी का मौत से है खेल तभी तक,…

कभी तो कोई बात होना चाहिये

कभी तो कोई बात होना चाहिये | Ghazal Kabhi to

 कभी तो कोई बात होना चाहिये ( Kabhi to koi baat hona chahiye )     बाद मसरूफ ही सही , कभी तो कोई बात होना चाहिये लाख फासले हो, फिर भी ‘होने’ का एहसास होना चाहिये   समझ  लो  हमारी  ज़िद या तकाज़ा-ए-वक्त इसको मगर न कहना, मौजू-ए-गुफ्तगू भी कुछ होना चाहिये   खामोश…