ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती

ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती

ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती ग़ुम हमारी ख़ुशी नहीं होतीज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती अपनी मंज़िल अगर हमें मिलतीआँख में फिर नमी नहीं होती साथ देते अगर जहां वालेदूर वो भी खडी नहीं होती मेरे रब का करम हुआ ये तोहाथ मंहदी लगी नहीं होती। तुमको मालूम ही नहीं शायदज़िन्दगी सुख भरी नहीं होती जबसे…

दिल है ये अब तेरे हवाले

दिल है ये अब तेरे हवाले

दिल है ये अब तेरे हवाले ठुकरा दे इसे चाहे तू या अपना बना लेमहबूब मेरा दिल है ये अब तेरे हवाले उन पर भी नज़र डाल कभी ऐ मेरे मौलामिलते हैं जिन्हें खाने को बस सूखे निवाले मझधार में है नाव मेरी जग के खिवैयाऐ श्याम ज़रा आके मुझे अब तू बचाले सूरत पे…

अन्ना आंदोलन

यादों के बसेरों में कुछ भुला.. कुछ याद रहा

1992 से अन्ना उभरने शुरू हुए थे.. अकोला में दंगे के बाद जैन समाज के कुछ वरिष्ठ लोग दंगाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण करने आए थे तब साथ मे अन्ना भी थे और उनको तब मैं बहुत अधिक नही जानता था। हम सब लोग चल रहे थे तो मैने अन्ना जी को कहा कि आप उधर…

तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगा

तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगा

तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगा तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगानाम तेरा नया रखा होगा उस जगह कौन दूसरा होगाजिस जगह पर तू अब खडा होगा उसके होठों से नाम सुनकर तोफूल दिल में कोई खिला होगा उसने जब कल छुआ बदन तेराकुछ तो एहसास फिर हुआ होगा वक्त पर जो न आयी मिलने…

जलयान

जलयान

जलयान समुद्र के किनारे उस छोर परखड़ा हुआ है एक जलयान…किसी प्रवासी के इंतजार मेंअनुमान है वह प्रवासी वहाँ पहुंचकर वापस लौटकर चला गया है..या अभी वह उस गंतव्य तक पहूँचा ही नहीं है …समंदर के किनारे उस छोर पर खड़ा हुआ है एक जलयान चौहान शुभांगी मगनसिंहलातूर महाराष्ट्र यह भी पढ़ें:-

Adam Gondvi

जनकवि अदम गोंडवी

जनकवि अदम गोंडवी मैं प्रणाम, वंदन,नमन का चंदन आपको बार-बार हर बार करता हूं,स्मृति में रहो आप हमारे और जग के,यही प्रयत्न मैं हर बार करता हूं।मन को झकझोरती आपकी कविता, जग को दिखाई राह सच्चाई लेखनी से,जन कवि अदम गोंडवी जी को मैं साष्टांग दंडवत प्रणाम करता हूं।। गरीबी को बताई सच्चाई लाज तेरी,…

उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया

उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया

उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया आज आसमानी उस चाॅंद ने मुझे बहुत तड़पाया,रोज़ाना जो जल्द आता आज वक्त पर न आया।पाॅंव में पाज़ेब हाथ में चूड़ी ये मेहन्दी मैंने रचाया,ऑंख लगाएं बैठी रही ये इन्तज़ार ख़ूब कराया।। क्यों करते हो हर बार ऐसा करवा चौथ की शाम,भूखी प्यासी रहकर गृहणियां लेती तुम्हारा नाम।बहुत नाज़ुक है…

प्यार हम बार बार करते हैं

प्यार हम बार बार करते हैं

प्यार हम बार बार करते हैं यूँ ख़िज़ां को बहार करते हैंप्यार हम बार बार करते हैं मिलना होता है जब किसी से हमेंअक्ल को होशियार करते हैं कैसे जाऊं न बज़्म में उनकीरोज़ वो इंतज़ार करते हैं जो भी आता है ख़ुद निशाने परहम उसी का शिकार करते हैं प्यार मैं सिर्फ़ उनसे करता…

यह दिलकशी तुम्हारी

यह दिलकशी तुम्हारी | Yeh Dilkashi Tumhari

यह दिलकशी तुम्हारी ( Yeh Dilkashi Tumhari ) दिल को लुभा रही है यह दिलकशी तुम्हारी।नींदें चुरा रही है यह दिलकशी तुम्हारी। यह चांद सी जवानी यह ज़ाफ़रानी रंगत।फिर उसपे ओढ़नी की यह आसमानी रंगत।सच पूछिए तो जानू रह-रह के मेरे दिल में।हलचल मचा रही है यह दिलकशी तुम्हारी।नींदें चुरा रही है यह दिलकशी तुम्हारी।…

दूर होकर भी पास

दूर होकर भी पास

दूर होकर भी पास तू दूर है, मगर दिल के पास है,तेरी यादों में हर पल का एहसास है।आँखों में ये आंसू तुझ तक पहुँचने को बेकरार हैं,काश तू सुन सके, मेरी दिल की ये पुकार है। रातों की तन्हाई में तेरा नाम पुकारता हूँ,हर धड़कन में तुझे ही तो महसूस करता हूँ।दूरी चाहे जितनी…