Search Results for: कविताएँ

Nand Kishore Poetry

नन्द किशोर बहुखंडी की कविताएं | Nand Kishore Poetry

याद रखो बच्चों बच्चों चलो तुमको बताएँ जीवन के नियम,अच्छी आदत, अच्छे संस्कार अपनाएं प्रतिदिन।अच्छी आदतों का जीवन में बड़ा महत्व,जीवन का सफल करती मार्ग वो प्रशस्त।भोर उठें सुबह बच्चों सूर्योदय से पहले,नित्य नियम मंजन करें स्नान से पहले।प्रणाम बड़ो को करें, गुरुजनों का सम्मान,करें सँगी साथियों से बैर भुला प्यार।अपनाएँ स्वच्छता अपने घर और…

Dr. Mahtab Poetry

डॉक्टरेट महताब ए आज़ाद की कविताएं | Dr. Mahtab Poetry

लाल बहादुर शास्त्री छोटा कद उच्च विचारों वाले हमारे।लाल बहादुर शास्त्री थे महान।।मजबूत इरादे वाले सदा रहे वो।हर कदम पर बढ़ाया देश का मान।। जय जवान जय किसान का दिया नारा।गरीब मजलूम का बने वे सदा सहारा।।देश हित में लिए बड़े फैसले सदा।जिन पर गर्व देश करता है हमारा।। हिला दिया था जिसने पाकिस्तान।सच्चा भारत…

मैं हूँ दीपक एक बदनाम सा

डॉक्टर दीपक गोस्वामी की कविताएं | Dr. Deepak Goswami Poetry

नैना चौ लुटे बीच बाजार नैना चौ लुटे बीच बाजार,नैनन ते नैना बतियाते ।करें आर की पार नैना चौ लड़े बीच बाजार,हिय भीतर हिचकोले लेके पिया को चढ़यो बुखार। अब पड़ेगी कैसे पार,नैना बतरामे क्यों यार,सब नाते थोथे अब लगते भोजन रुखो बेकार।पिया की लपसी ऐसी चाटी,सुधि बुधि गई सब हार,नैया मुद गए बीच बाजार।…

Srinivas N Hindi Poetry

श्रीनिवास यन की कविताएं | Srinivas N Hindi Poetry

सेल्फोन आज का युग सेल्फोनछोटे बडों तक निमग्ननिरंतर होता प्रसारणयह मनोरंजक साधनमार्टिन कपूर ने निर्माण किया श्रीनिवास! सेल्फोन के रूप अनेकइसको खरीदता है हरेकइसका फीचर्स भी अनेकरंग बिरंगी सेल्फोन प्रत्येकसेल्फोन आकर्षक साधन श्रीनिवास! निरंतर कई विषय प्रसारणअच्छा और बुरा साधारणज्ञान से संबंध भला गुणअज्ञान से संबंध बुरा गुणसेल्फोन से सावधान होना श्रीनिवास! सेल्फोन में सिनेमा…

Saroj Koshik

सरोज कौशिक की कविताएं | Saroj Koshik Poetry

क्या तुमने क्या तुमने झरना देखा है? देखी है उसकी यात्रा? तुम्हें तो सिर्फ अपने सुख से मतलब है। बताती हूं उसकी यात्रा का दुख। तुम्हारी तरह मैंने भी चाहा था मेरा जीवन झरने सा बहता रहे,हर,हर। लेकिन, जब चुल्लू में उसका जल भरा तो रंग मिला लाल रक्त रंजित सा। एक घायल चेहरा कहता…

डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे की कविताएं | Dr. Ritu Sharma Pandey Poetry

डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे की कविताएं | Dr. Ritu Sharma Pandey Poetry

स्त्री चूल्हा मिट्टी का हो या गैस का रोटी बनाते समय उँगलियाँ मेरी ही जली है जली उँगलियों के साथ चेहरे पर मुस्कान लिए तुम्हारी स्वादिष्ट थाली मैंने ही हमेशा सजाई है जब जाते तुम काम पर सारे दिन की थकान भूला शाम को दरवाज़े पर मेरी ही निगाहें तुम्हें खोजती हैं गर्भ धारण से…

संजय जैन की कविताएं | Sanjay Jain Poetry

संजय जैन की कविताएं | Sanjay Jain Poetry

स्वयं का जन्म दिन खुदका जन्म दिन मनाना रहा हूँ।देखो दुनियां वालो तुम।कितना हर्षित और प्रफुल्लित हूँ।अपने इस जन्म दिन पर मैं।। एक वर्ष और कम हो गया।अपनी आयु के वर्षो में से।फिर भी देखो कितना खुश हूँ।अपनी घटती हुई उम्र पर मैं।। खुश नसीब मानता हूँ खुदको।इसलिए आया दुनियां में।कर्मो के बंधन के कारण…

महेन्द्र सिंह प्रखर की कविताएं | Mahendra Singh Prakhar Poetry

महेन्द्र सिंह प्रखर की कविताएं | Mahendra Singh Prakhar Poetry

पति पत्नी : रोला छन्द पति पत्नी में आज , कहाँ हैं सुंदर नाता । पति भी जग में देख , रह गया बनकर दाता ।। पूर्ण सभी शृंगार , मात्र वो पति ही करता । फिर भी हर शृंगार , दिखावा उसको लगता ।। पति की खातिर मात्र , एक दिन सजनी सजती ।…

Priya Gupta

प्रिया गुप्ता की कविताएँ | Poems by Priya Gupta

शीतल रहे ये धरा ले पूजा की थाली मैया आया तेरे द्वार मैं नादान बालक मैया भक्ति करो स्वीकार l अक्षत, चना चुनरी चढ़ाऊ श्रीफल, नीम से तुझे मनाऊं स्वस्थ,शीतल रहे ये धारा ढोल मंजीरा आज बजाऊं l मां शीतला के दरबार में नमन करते है बारंबार भर दो सबकी झोली मैया आए जो तेरे…

डॉ. राही की कविताएं

डॉ. राही की कविताएं | Dr. Rahi Hindi Poetry

हृदि समंदर ! मन के अन्दर ! एक समन्दर ! एक समन्दर ! मन के अन्दर । गहरा – उथला उथला – गहरा तट पे बालू – रेत समन्दर । इच्छाओं की नीलिमा ले मन का है आकाश समन्दर। इसमें सपनों के मोती हैं संघर्षों की प्यास समन्दर। इसके गहरे पानी पैठ अनुभव के हैं…