Search Results for: कविताएँ

Dr. Satywan  Saurabh

डॉ. सत्यवान सौरभ की कविताएं | Dr. Satywan Saurabh Hindi Poetry

दोहरे सत्य ●●●कहाँ सत्य का पक्ष अब, है कैसा प्रतिपक्ष।जब मतलब हो हाँकता, बनकर ‘सौरभ’ अक्ष॥●●●बदला-बदला वक़्त है, बदले-बदले कथ्य।दूर हुए इंसान से, सत्य भरे सब तथ्य॥●●●क्या पाया, क्या खो दिया, भूल रे सत्यवान।किस्मत के इस केस में, चलते नहीं बयान॥●●●रखना पड़ता है बहुत, सीमित, सधा बयान।लड़ना सत्य ‘सौरभ’ से, समझो मत आसान॥●●●कर दी हमने…

शिखा खुराना जी की कविताएँ | Shikha Khurana Hindi Poetry

शिखा खुराना जी की कविताएँ | Shikha Khurana Hindi Poetry

ये ज़िंदगी रोज़ हमको कितना आज़माती है ये ज़िंदगी।इक पल की खुशियां देकर रूठ जाती है ये ज़िंदगी। सवालों की लड़ियां बनी रहतीं हैं मस्तिष्क में।जवाबों को इतना क्यों उलझाती है ये ज़िंदगी। नाउम्मीदी ने जब मौत से अब कर ही ली है दोस्ती।जीने की फिर उम्मीद क्यों बंधाती है ये ज़िंदगी। हर सांस को…

मुकेश बिस्सा की कविताएं

मुकेश बिस्सा की कविताएं | Mukesh Bissa Hindi Poetry

कुछ नहीं कहते कुछ नहीं कहते, मगर आँखें बयां कर जाती हैं,हर ख़ामोशी में कई बातें छुपा जाती हैं। लब खामोश हैं, पर दिल की आवाज़ सुनो,कुछ हकीकतें, बस निगाहों से सजा जाती हैं। मुस्कुराहटें चुपके से छलक पड़ती हैं,ग़म की बारिशें दिल में दबा जाती हैं। चाहत है, इज़हार करें या ना करें,ये आँखें…

Chauhan Shubhangi Poetry

चौहान शुभांगी मगनसिंह जी की कविताएँ | Chauhan Shubhangi Poetry

हूँ मैं अंधेरी रात हूँ मैं अंधेरी रात… मुझसे ही रोशन है जुगनुओं की बारात चाँद है चमकता बिखरती है चाँदनी मुझसे ही जब हो पूनम की बात हूँ मैं अंधेरी रात … अमावस मेरी ही गोद में है खेलती और ज्यादा घना अंधेरा करता है मुझसे दो दो हाथ गिद्ध की आवाज़ कुत्ते भी…

Hindi Poetry of Gurudeen Verma | गुरुदीन वर्मा की कविताएं

Hindi Poetry of Gurudeen Verma | गुरुदीन वर्मा की कविताएं

मेघों की तुम मेघा रानी शेर)- जैसे जल को तरसे मछली, वैसे मेघ को तरसे धरती। मेघ बिना नहीं मिलता पानी, मेघ बिना यह बंजर धरती।। ——————————————————- मेघों की तुम मेघा रानी, मेघ तुम बरसाओ। करके वर्षा मेघों की, धरती की प्यास मिटाओ।। मेघों की तुम मेघा रानी———————–।। किसको जरूरत नहीं जल की, यह जल…

गुरुदीन वर्मा की कविताएं | Gurudeen Verma Hindi Poetry

गुरुदीन वर्मा की कविताएं | Gurudeen Verma Hindi Poetry

मुझसे नाराज कभी तू होना नहीं मुझसे नाराज, कभी तू होना नहीं। दूर मुझसे, कभी तू होना नहीं।। तू है मेरी खुशी, तू है मेरा ख्वाब। मुझसे बेवफा, कभी तू होना नहीं।। मुझसे नाराज—————-।। मेरी इस बात को, लतीफा तुम मत कहो। झूठ मुझसे कभी भी, कोई तुम मत कहो।। गर कभी तुमसे, हो जाऊँ…

राजेंद्र रुंगटा

राजेंद्र रुंगटा की कविताएं | Rajendra Rungta Hindi Poetry

दुनिया बहुत कसैली इज्जत मिली नहीं जीवन मेंमिला नहीं मान~सम्मान lटोटा पड़ा निवालों कापरोसा थाली में अपमान l फटी जूतियाँ पैरों मेंसब कोसे दिन रातछूटा प्राण शरीर सेनिश्चल है देखो मृदु गात l जुटा हुआ है सकल जहान,झुक झुक करते सब सम्मान lभूल गए सब खोट बुराई,दिखने लगी आज अच्छाई l सज गयी काया अरथी…

डॉ. वनीता की मूल पंजाबी सात कविताएँ | अनुवादक: डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक

डॉ. वनीता की मूल पंजाबी सात कविताएँ | अनुवादक: डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक

डॉ. वनीता की मूल पंजाबी सात कविताएँ अनुवादक: डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक साहित्य शिरोमणि पुरस्कार विजेता डॉ. वनीता पंजाबी भाषा की सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनकी हृदय-स्पर्शी कविताएँ पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं और कुछ नया सोचने के लिए विवश करती हैं। उनकी कविताओं में संवेदनशीलता और गहरी सोच की झलक, नारी सशक्तिकरण, प्रेम…

Sandeep Kumar Hindi Poetry

संदीप कुमार की कविताएं | Sandeep Kumar Hindi Poetry

अब समझ में अब समझ में आयाजित या हार क्या होती हैछोटे ही समय की सहीइंतजार क्या होती है संबंध खून कीदिल का पुकार क्या होती हैआंख से गिरते मोती देखा तोजाना प्यार क्या होती है घड़ी दो घड़ी पहर दो पहरदिल पर वार क्या होती हैतन्हाई में जिया तो जानाख्याल-बात क्या होती है मुश्किल…

भानुप्रिया देवी

भानुप्रिया देवी की कविताएँ

भगवान बुद्ध में भगवान बुद्ध में दया,करुणा कूट-कूट कर भरा हुआ था। सबके लिए उमड़ती चिंता मन में, सभी के कष्ट को अपना कष्ट। इसलिए तो मृत,रोगी,वृद्ध देख मन हुए दर्वित,दु:खी,उदासी । मनुष्य को इतना दुर्दशा है, पता नहीं कब किया होगा , क्यों ना हम जन्म के मूल मातृत्व का चक्कर बंधन से ही…