उसने किया होगा 'गजल'

उसने किया होगा ‘गजल’

उसने किया होगा ‘गजल’   होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा जहर जुदाई का उसने खातिर मेरे खाया होगा   कांटो को चुनकर उसने मेरे राहों से  उसने जीवन में मेरे फूल गाया होगा    याद सताया जब पाया हरेक चेहरों में मुझे मेरे तस्वीर को चुपके सीने से हटाया होगा   मेला की धूम…

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था   उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था बाकी सब तो फ़क़त इसीका बहाना था   मुहब्बत यूँ भी तो बड़ा अजब है यारा के खुद से रूठकर दुसरो को मनाना था   हम पर फ़ज़ा-ए-उल्फत की नज़र ऐसी है जान के लिए बाज़ी जान का…

पुनर्विवाह
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पुनर्विवाह | Punar vivaah film script

एक लड़की, पलक | अमृतसर मे, अच्छे जीवनसाथी पाने के लिए माथा टेक रही है, तभी पीछे दो लड़के अलग-अलग शहरों से आये (1>पवन {अनाथ अमीर,बिजनेश}) और (2> पुनीत {मिडिल परिवार,जॉब}) पलक के अगल-बगल बैठ माथा टेक, अपने घर की सुख-शांती और सुन्दर सुशील जीवन साथी की कामना की दर्शन कर पलटे, तो पलक को…

किस्सा-दर-किस्सा

किस्सा-दर-किस्सा | Kissa-dar-kissa | Ghazal

किस्सा-दर-किस्सा ( Kissa-dar-kissa )     किस्सा-दर-किस्सा का मुझे साफ़ बयानी चाहिए कुछ किताबें, कुछ रंजिशें और कुछ गुमानी चाहिए   ये भी बहोत खूब है, तुम्हे कुछ भी तो नहीं चाहिए और एक में हूँ जिसको सफर भी सुहानी चाहिए   ज़िन्दगी गुजर सकती है बस एक भरम के साथ मुहब्बत की राह में…

मिलाते तो सही

मिलाते तो सही | Milate to sahi poem

मिलाते तो सही ( Milate to sahi poem )   आवाज़ से आवाज़ मिलाते तो सही….! दिल से दिल मिलाते तो सही…..! मन से मन मिलाते तो सही…..! हाँ में हाँ मिलाते तो सही…….! सुर से सुर मिलाते तो सही…..! हाथ से हाथ मिलाते तो सही…..! नज़र से नज़र मिलाते तो सही……! क़दम से कदम…

पहल्यां ही बता देंदी

पहल्यां ही बता देंदी | Hariyanwi kavita

पहल्यां ही बता देंदी ( Pahalyaan hi bata dendee )   बैरण! तू मनै पहल्यां ही बता देंदी जिब बात्याँ का सिलसिला शुरू करया था क्यूँ इतणा लगाव बढ़ाया तनै तनै जाण बूझ कै नै मेरै गैल यू छल करया सै। मैं तै ठीक था अपणी जिंदगी म्है काट रया था अपणे दिनां नै फेर…

उसके आँखों में सुहाल होगा

उसके आँखों में सुहाल होगा | Ghazal uske aankhon mein

उसके आँखों में सुहाल होगा ( Uske aankhon mein suhal hoga )   उसके आँखों में सुहाल होगा और कहाँ इस जहाँ में येसे मिराल होगा   हुस्न-ए-अंदाज़ से टुटा था जो दील अब जुड़ने में मुहाल होगा   हालत-ए-हाल जो हमारी है ये उसी का कमाल होगा   इसी आरज़ू के साथ अर्सो से…

वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई

वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई | Ghazal meer na huee

वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई ( Vah chhupe patthar ke tootne par meer na huee )   वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई खामोशी से क़ुबूल हुआ, तफ़्सीर ही ना हुई   बिछड़ कर भी वह सुलह करना चाहती है जुर्म नहीं किया उसने कोई तो…

मंजिल का एहसास

मंजिल का एहसास | Prernadayak poem

 मंजिल का एहसास ( Manzil ka ahsas )     यूं ही तो नही ये मेरे मेरे सपनों की उड़ान है, कुछ तो है मन के अंदर तो जुड़ा हुआ है इससे। कुछ तो है जो कर रहा है प्रेरित इस कदर से कि अब ये चुनोतियाँ बाधा नही बन सकती हैं।।   क्या है…

तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का

तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का | Ghazal tark-e-aam

तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का ( Tark-e-aam na kar mujhse muhabbat ka )   सच का खिदमत भी हो तो कुछ इश्क़ की तरह कभी खैरियत भी हो तो कुछ इश्क़ की तरह   तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का अब इबादत भी हो तो कुछ इश्क़ की तरह   बे-बसर ज़िन्दगी का बसर…