योग के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक उन्नति

योग पर निबंध | Essay in Hindi on yoga

योग पर निबंध ( Yoga par nibandh )   प्रस्तावना (Introduction) :– जैसा कि मालूम है 21 जून 2015 से हर साल अंतरास्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग के विषय में कहा जाता है कि योग के माध्यम से चित से लेकर शरीर के विभिन्न विकारों को दूर किया जा सकता है। भारत में…

किस पर लिखूँ

किस पर लिखूँ | Poem kis par likhu

किस पर लिखूँ ( Kis par likhu )    1. आखिर,किस पर क्या लिखूँ || कलम उठा ली हांथ मे, कागज कोरा ले लिया | बैठा गया मै सोच के, किसी परी पर कविता लिखूँ |  आखिर,किस पर क्या लिखूँ || 2.लिखने बैठा तो सोच मे पड गया, किस-किस की अदाएं लिखूँ | मगर दिख…

बरसात आ गई

बरसात आ गई | Barsaat aa gayi | Kavita

 बरसात आ गई  ( Barsaat aa gayi )   बरसात आ गई………|| 1.बरसात आ गई, सारे मेढकों की मौज हो गई | टर्र-टर्र की आवाज, सुन्दर सुर की खोज हो गई | वहीं एक और सुरीला सुर, पपीहे की पिहुं पिहुं | मोर का नृत्य देखो, फिल्मी हस्तियां फेल हो गई | बरसात आ गई………||…

यादें

यादें | Yaadein kavita

यादें ( Yaadein )   1. तेरी यादों में दिलये सजा है, इश्क है ये तमाशा नहीं है | वो भी दिल कोई दिल है जहां में, जिसमें तस्वीर तेरी नहीं है | वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||   2. चांद सूरज सितारों में देखा, फूल कलियों,बहारों मे देखा | लौट आई…

वो-सनम्

वो-सनम् | Poem O – Sanam

 वो-सनम्  ( O Sanam )    क्या ? आज भी तुम “वही”हो || 1.एक वक्त था ना तुम मुझे जानते थे,ना मै तुम्हें जनता था | फिर दोनो की उम्र कि जरूरत थी,वक्त का भी फैसला था | न मैने तुम्हें देखा न तुमने मुझे देखा,सिलसिला शुरू हुआ | दिली चाहत थी न कोई सवाल,बातों…

सुनहरी यादें

सुनहरी यादें | Kavita sunheri yaadein

सुनहरी यादें ( sunheri yaadein )   तुमसे मिले थे पहली दफा याद है अब भी मुझे वो तुम्हारी सुनहरी यादें।   भुलाई नहीं जा रही है अब भी दिल से वो सुनहरी यादें जब हम ने बहुत अरमान अपने दिल में संजोए थे सोचा था, मिलेंगे जब भी हम चाहेंगे टूट कर एक-दूसरे को।…

जिन्दगी का सफर

जिन्दगी का सफर | Zindagi ka safar kavita

 “जिन्दगी का सफर”  ( Zindagi ka safar ) सफर जिन्दगी का कठिन है, “नामुमकिन”नहीं || राह-नई मंजिल-नई, हम भी नए जमाने में | जाने कब कहाँ पहुँचेंगे, जाने किस ठिकाने में | जब से जीना सीखा हमने, दिन-रात चुनौती रहती है | सफर हमारा जारी है, स्वीकर हर चुनौती रहती है |   सफर जिन्दगी…

प्रथम-गुरू

प्रथम-गुरू | Pratham guru kavita

“प्रथम-गुरू” ( Pratham guru )   गुरु है ब्रम्हा-गुरु है विष्णु, गुरु हैं मेरे महेश्वरा प्रथम गुरु मेरे मात-पिता, दिया जनम दिया आसरा उनके जैसा धरती में क्या, नहीं अम्बर में भी दूसरा पाल-पोस कर बड़ा किया, नहीं होने दी कमी कोई प्यार नहीं कोई उनके जैसा, न ही मिलावट है कोई गुरु है ब्रम्हा,गुरु…

प्यासा हूँ मैं

प्यासा हूँ मैं | Pyasa hoon main ghazal

 प्यासा हूँ मैं  ( Pyasa hoon main )   उल्फ़त का ही प्यासा हूँ मैं वो  बदला  आवारा  हूँ  मैं    यार रहूं ख़ुश कैसे मैं अब अंदर  से  ही  टूटा  हूँ  मैं   भेज ख़ुदा दोस्त यहां अब तो जीवन  में  रब  तन्हा  हूँ  मैं   लोगों ने बदनाम किया है यार शराब न…

रक्षा-बन्धन

रक्षा-बन्धन | Raksha bandhan kavita

“रक्षा-बन्धन”   –>लो आ गई राखी…….|| बाजार खुल गया राखी का, चमचम चमके राखी | कोई खरीदे खेल-खिलौने, कोई खरीदे राखी | कहीं पे मम्मी कही पे बहना, कर रही हैं शॉपिंग | कहीं पे मुरली लेकर बच्चे, कर रहे हैं पंपिंग | –>लो आ गई राखी …….|| मम्मी घर पर तरह-तरह के, बना रही…