आग | Aag par kavita
आग ( Aag ) जीवन में आग का महत्व……|| 1.एक दम पवित्र एक दम तेज, देवों मे भी एक है | खुद मे हर चीज मिलाती, काम भी उसके नेक है | सुख-दुख मे काम आती, रोशनी उज्वलित होती है | अपनी छाप छोड़ती जब, अग्नी प्रज्वलित होती है | जीवन में आग का…
आग ( Aag ) जीवन में आग का महत्व……|| 1.एक दम पवित्र एक दम तेज, देवों मे भी एक है | खुद मे हर चीज मिलाती, काम भी उसके नेक है | सुख-दुख मे काम आती, रोशनी उज्वलित होती है | अपनी छाप छोड़ती जब, अग्नी प्रज्वलित होती है | जीवन में आग का…
वादा कर लो ( Wada karlo ) जब लक्ष्य बना ही ली हो, तो हर कीमत पर उसे पाने का भी अब वादा कर लो और कर लो वादा कभी हार ना मानने का, एक जज्बा जगा लो दिल में, एक जुनून खुद में ला लो, समर्पित कर दो स्वयं को, …
हाल-ए-दिल का मत पूछ मेरे यार ( Hal-e-dil ka mat poochh mere yar ) सीने पे देखु तो दर्द का खबर लगता है मेरे ज़ख्म-ए-दिल लोगो को तमाशा का नगर लगता है अब बसेरा कर चूका हूँ बीरान शहर में जहाँ कहीं यहाँ अपना ही घर लगता है हाल-ए-दिल का मत पूछ…
कर गये बदनाम ( Kar gaye badnam ) नजरों मे उनकी अनदेखा हो गये जिंदगी मे आज तन्हा हो गये कर गये बदनाम ऐसा वो हमें प्यार मे हम आज रुसवा हो गये पेश आये इस तरह से आज वो प्यार के हर शब्द खारा हो गये वो हक़ीक़त मे हमारे…
ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा ( Ye jahan yun bhi to nahi mera ) ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा तुम्हारे बगैर गुज़ारा यूं भी तो नहीं मेरा मौत के बाहों में सोने वाले से ज़िक्र-ए-ज़िन्दगी ना करे लगता है, है अपना मगर ज़िन्दगी यूं भी तो नहीं मेरा …
मधु-मक्खी ( Madhumakhi ) मधु-मक्खी की महानता …..| 1.सौ शहर-सौ खेत गई, सौ कलियों से मुलाकात हुई | साथ मे लाखों साथी लेकर, सौ गलियों से शुरुवात हुई | मुख मे मधुरस भरकर, पहुँच गई अपने ठिकाने मे | दिन-रात मेहनत करती, लगती हैं शहद जुटाने मे | मधु-मक्खी की महानता …..| 2.फूलों से…
सपनों के लिये ( Sapno ke liye ) हम अपने हर सपनों को सच कर सकते हैं, चाहे वो चांद पर जाना हो या हो कोई और लक्ष्य बस इच्छा हो, सनक हो एक जुनून मन में हो, एक चाहत हो, जो कभी कम न हो। सपनों को सच करने के लिए इस पर…
मधु ( Madhu ) शहद बडी गुणकारी…..|| 1.शहद बडी गुणकारी, रहतीं दूर अनेक बिमारी | अमृत सा गाढा मीठा द्रव्य, कुदरत की कलाकारी | मधु की रचना मक्खी करती, फूलों से रस लेकर | फूलों को खुश कर देतीं हैं, मीठी सी बातें कहकर | शहद बडी गुणकारी…..|| 2.शहद से निकले छत्ते को, मोम…
क्यों मौत लिख कर कलम तक तोड़ दिया जाता है ( Kyon maut likh kar kalam tak tod diya jaata hai ) ज़िन्दगी का सफर क्या सिर्फ मौत तक है वर्ना क्यों मौत लिख कर कलम तक तोड़ दिया जाता है हम दीवाने को नज़र से ही लूट लिया जाता है जो बात…
खामोशी विरोध की भाषा ( Kavita khamoshi virodh ki bhasha ) ये खामोशी, सहमति नहीं विरोध की भाषा है! यह तो मजबूरी है, सहमति में बदल जाना किसी तकलीफ देय घटना के डर से! एक वक्त आएगा सब्र का घड़ा भर जाएगा तब नही होगी कोई मजबूरी न किसी प्रकार का कोई डर तब…