पानी थोड़ा कम है | Poem Pani Thoda Kam hai
पानी थोड़ा कम है
( Pani thoda kam hai )
उम्मीदों के भरे कलश में,
पानी थोड़ा कम है।
भरते भरते जीवन बीता,
फिर भी थोड़ा कम है।
पाने की चाहत में तुमको,
बीता ये जीवन है।
फिर भी तृष्णा कम ना हुई,
लगता है थोडा कम है।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )