पावन हुई अयोध्या लौट राम घर आए | Pawan hui Ayodhya
पावन हुई अयोध्या लौट राम घर आए
( Pawan hui Ayodhya laut ram ghar aaye )
पावन हुई अयोध्या प्रभु राम के मन भायी
हुआ अवतरण श्रीराम का खुशियां मनाई
दशरथ कौशल्या घर जन्मे प्रभु ने किया निहाल
त्रिलोकी के नाथ आए जग में ऐसी नहीं मिसाल
अमर हो गए काग भुसुण्ड इच्छित वर पाये
पावन हुई अयोध्या जब लौट राम घर आए
अल्पकाल सब विद्या मुनि विश्वामित्र से पाए
ताड़क वन में ताड़का मारी ऋषि मुनि हर्षाए
मारीच सुबाहु को भी मिला कर्मों का परिणाम
शीला अहिल्या तार प्रभु राम जनकपुरी आए
शिव धनुष चाप चढ़ाकर सीता संग ब्याह रचाये
धन्य हुई अयोध्या सारी श्री राम लौट घर आए
रावण सरीखे असुर मार हर लिया धरा का भार
लंका राज दिया विभीषण प्रभु जग के तारणहार
नारायण नर रूप सकल सृष्टि सब हरसाये
पावन हुई अयोध्या लौट राम घर आए
दीप जले जगमग हुई आज अवधपुरी सारी
मंगल गीत गाने लगे घर-घर नर और नारी
खूब सजावट अवध में ढोल नगाड़े बजने लगे
आ गए अब राजाराम सारे दरबार सजने लगे
पुष्प वर्षा की देवन ने खूब शंख बजाए
पावन हुई अयोध्या लौट राम घर आये
कवि : काशीनाथ मिश्रा
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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