पीर हमरे करेजवा में आवल करी

पीर हमरे करेजवा में आवल करी | Bhojpuri Kavita in Hindi

पीर हमरे करेजवा में आवल करी

(भोजपुरी-इलाहाबादी)

गीत जब केउ सनेहिया क गावल करी।
पीर हमरे करेजवा में आवल करी।।
माया क जहान प्रेम सत्य क निशनवां,
प्रेम की दीप जलै निशि दिनवा
दिल में रहिके दिल काहे दुखावल करी।।

पीर हमरे करेजवा….
राधाकृष्ण हीर रांझा प्रेम की मुरतिया,
मीरा क प्रेम प्याला सुनि फटइ छतिया,
प्रेम सरिता में डुबकी लगावल करी।।

पीर हमरे करेजवा….
प्रेम धन सबसे बड़ा जानत जहान बा,
कण कण में जहां देख प्रेम क मिलान बा,
प्रेम पथ पर पशीना बहावल करी।।

पीर हमरे करेजवा….
प्रेम रस पान कर सब छोड़ि भाई,
प्रेम नगर में शेष दुनिया बसाई,
प्रेम सूरज अंधेरा भगावल करी।।
पीर हमरे करेजवा….

 

लेखक: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”
प्रा०वि०-बहेरा वि खं-महोली,
जनपद सीतापुर ( उत्तर प्रदेश।)

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