वो पहली मोहब्बत | Pehli Mohabbat
वो पहली मोहब्बत
( Wo pehli mohabbat )
वो पहली मोहब्बत का बीता ज़माना याद आता है,
वो छोटी-छोटी बातों पे रूठना मनाना याद आता है!
ख्वाबों ख्यालों में रहना आसमान में उड़ने का मज़ा,
हो दुनिया से बेख़बर इश्क-ऐ-फ़साना याद आता है!
एक दूजे की आगोश में दिन रात का वक़्त गुजरना
अपनी एक अलग दुनिया का बसाना याद आता है !
वो तितलियों को पकड़ना, वो फ़ूलों संग बतियाना
एक दूजे पर नाज़-ओ-नखरे उठाना याद आता है !
हवाओं फ़िज़ाओं हर शै: में सूरत तेरी नजर आना,
अपना दिल-ओ-जान तुम पर लुटाना याद आता है !!
डी के निवातिया