hindi kavita -फिर वही बात!
फिर वही बात!
( Phir Wahi Baat )
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तुम मत रोना प्रिय ( Tum mat rona priye ) तुम मत रोना प्रिय मेरे, यह तेरा काम नही है। जिससे मन मेरा लागा, मोरा घनश्याम वही है।। जो राधा का है मोहन, मीरा का नटवर नागर। वो एक रसिक इस जग का, मेरा मन झलकत गागर।। शबरी की बेरी में दिखे…
सौतन ( Sautan ) कर में सौतन देके गये ब्रजनाथ राधिका रानी के। खेलते रही अधर पर प्रिय के राज किये मनमानी के।।१ गये श्याम जबसे मथुरा हैं भूल गये गोकुल नगरी, घटा कालिंदी का जल इतना लगती है उतरी उतरी। चले गये चितचोर नैन जलधार बहे राधारानी के।। २ छायी खुशी…
मन बसी झुंझलाहट मेरे दुःख दर्द का तुज पर हो ऐसा असर ,कि आईना तुम देखो और चहरा मेरा दिखे l सबसे ज्यादा दर्द तो तब हुवा ,जब तुम्हे देखे बिना लौट आया l इतना दर्द देकर भी मन को भाती हो ,अगर हमदर्द होती तो क्या आलम हो l क्या कहूँ ,एक ही हमदर्द…
नारी ( Nari ) घर सुघर होता है जिससे पल्लवित है प्रकृति सारी। जन्मदात्री होकर अबला ही कही जाती बेचारी।। सूर्य चांद सितारे ग्रह नक्षत्र सब जन्मे हुये हैं। थे अदृश्य जीव सारे नारी से तन में हुये है। ब्रह्मा विष्णु महेश नारी साधना में रत रहे हैं। जगत की अम्बा है नारी आगम…
मुरलीवाला ( Muraliwala ) दुनिया से निराला है तू बंसी वाला। जन्म दिया देवकी ने यशोदा ने पाला। गोपियों का प्रेमी, जग का रखवाला। नाचती हैं ठुमुक ठुमुक वो बृजबाला। छोटे छोटे पांव हैं, रंग का है काला। मगर चितचोर तू वो मुरलीवाला। शांत हो जाती है अंतर से ज्वाला। जपे जो भी कोई, तेरे…
हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है ( Hum par koi naqab thodi hai ) ❄️ आइना खुदको क्या समझता है नक़ाब वाला चेहरा दिखाता है तो दिखाने दो हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है ❄️ ये जुगनू घेर लेता है पूरी आसमान को चाँद अकेला है पर किसी से कम थोड़ी है ❄️ रोकर…