hindi kavita -फिर वही बात!
फिर वही बात!
( Phir Wahi Baat )
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21 जून की ख़ास पहचान ( 21 June ki khaas pahchan ) सारी ज़िन्दगी अपने-आप को स्वस्थ वही है पाता, आनंदित प्रफुल्लित होकर योगाभ्यास जो करता। मानसिक शारीरिक आध्यात्मिक ऊर्जा वो बढ़ाता, जीवन को सार्थक बनाता जो रोज़ इसको करता।। ऋषि-मुनि और महर्षियों की सत्य हुई यें कहावत, योगाभ्यास ही है जरिया जो रोगों…
गणतंत्र दिवस हमारा ( Ganatantra divas hamara ) देश भक्ति में झूमे सारे, मनाए उत्सव मिलकर। गणतंत्र दिवस हमारा, मुस्काए हम खिलकर। हाथों में तिरंगा लेकर, गीत वतन के गाए। आओ आज मिलकर, महोत्सव हम मनाएं। सीमा पर अटल सेनानी, वंदे मातरम गा रहे। राष्ट्रप्रेम की ज्योत जला, देशप्रेम जगा रहे।…
कर्म ही धर्म है ( Karam hi dharam hai ) मैं धार्मिक आदमी हूं मुझे पसंद है मिट्टी की मूर्तियां मंदिर मस्जिद- गिरिजा गुरूद्वारा बनाना स्तुतियां करना धार्मिक परंपराओं को निभाना टीवी मीडिया में दिखाना बढ़ा चढ़ाकर बताना किसी अन्य चीज पर कभी ध्यान न देना बस अपने अल्लाह गाॅड भगवान में व्यस्त रहना…
नाम नही ( Naam Nahi ) संघर्षो के रूग्ण धरातल, पे अब उनका नाम नही। जाने कितने कटे मरे पर, कही भी उनका नाम नही। ये आजादी चरखे के, चलने से हमको नही मिली, लाखों ने कुर्बानी दी पर, कही भी उनका नाम नही। बूंद बूंद मिलती है तब ये, सागर विस्तृत…
दिल को अब किसी की जरूरत नहीं ( Dil ko ab kisi ki jarurat nahi ) ढूंढ लेता खुशियां दिल कहीं ना कहीं। दिल को अब किसी की जरूरत नहीं। आ गया अब जीना दुनिया में दिल को। ठिकाना सुहाना प्रीत की सरिता बही। सिंधु लेता हिलोरें मोती बरसे प्यार के। मनमौजी मतवाला झूम…
श्याम की बांसुरी मुझे पुकारे ( Shyam ki bansuri mujhe pukare ) धूम मची जमुना किनारे, श्याम की बांसुरी मुझे पुकारे। राधा के घनश्याम प्यारे, मीरा के प्रिय मोहन दुलारे। जय गोविंदा जय गोविंदा -2 केशव माधव नटवर नागर, अधरो पे मुरली साजे। रुनक झुनक बाजे पैजनिया, मोहक धुन बंसी बाजे। गोवर्धनधारी की…