सिंगर इशिता विश्वकर्मा | Poem Singer Ishita Vishwakarma
सिंगर इशिता विश्वकर्मा
( Singer Ishita Vishwakarma )
जबलपुर का अभिमान् हो तुम
1.इशिता हो तुम आसमान,जबलपुर की हो तुम शान |
बडे-बडे दिग्गज को दी टक्कर,तुमने पाया प्रथम् स्थान |
मेहनत तुम्हारी,लगन् तुम्हरी,समर्थन तुम्हारे परिवार का |
लोगों से मिली सराहना बनी,तुम्हारी नई एक पहचान |
–> जबलपुर का अभिमान् हो तुम |
2.आसमान मे एक सितार,और चमकने वाला है |
हांथ तुम्हारे वो चाबी है,लगा वहां जो ताला है |
आत्मविश्वास से कदम रखो,सफलता कदम तुम्हारे चूमेगी |
वो दिन जल्दी आयेगा जब,तुम्हारे गीतों पर दुनियां झूमेगी |
–> जबलपुर का अभिमान् हो तुम |
3.संस्कारधानी के संस्कार,तुमने जब मंचा-शीन किये |
वहां विराजित जज दिग्गजों ने,मत् तेरे आधीन किये |
था कठिन बहुत संघर्ष तुम्हारा,पर पीछे मुडकर न देखा |
तकलीफ तुम्हारी तुमने झेली,सबने तुमको उभरा देखा |
–> जबलपुर का अभिमान् हो तुम |
4.आवाज सुरीली दिल मे जज्बा,बिखरे तो कलियां खिल जाये |
कंठ तुम्हारे मां सरस्वती विराजित,आवाज मे अमृत घुल जाये |
मेरी दुआ यही बस बढती जाओ,विश्वास तुम्हारे साथ चले |
आशीष सदा हो मात-पिता का,हर जगह तुम्हारा राज चले |
–> जबलपुर का अभिमान् हो तुम |