मेरे भोले की महिमा | Poetry on Lord Shiva in Hindi

मेरे भोले की महिमा

( Mere bhole ki mahima )

 

जो दाता हैं सब लोकों के,
मैं क्या उनका गुणगान करूं।
मैं तुच्छ जीव, में अभिमानी,
मैं बस शिव का ही नाम जपूं।

हे नीलकंठ ,हे विश्वेश्वर,
तुम आदि ,अनंत अनंता हो।
है आपसे ही सारी सृष्टि,
प्रभू आप ही इसके रचयिता हो।

हे सोमनाथ हे मल्लिका अर्जून ,
किस मुख से तेरा गुणगान करूं।
हे महादेव हे शिव शम्भू ,
तुम्हे बारम्बार प्रणाम करूं।

है चंद्र सुशोभित जिनके सर,
जटा से गंगा निकली हैं।
है गले में सर्पों की माला,
संग में भूतों की टोली है।
जो भस्म रमाए हैं तन पर,
उनका हर पल मैं ध्यान करू।

हे रामेश्वर ,हे नागेश्वर,
किस मुख से तेरा गुणगान करूं।
हे मृत्युंजय हे महादेव ,
तुम्हे बारम्बार प्रणाम करूं।

डमरू के डम-डम की प्रचंड ,
ध्वनि में है शिव तांडव करते।
जब नेत्र तीसरा प्रभु खोले,
तब प्रलय की ज्वाला निकले।
वो हैं संघारक सृष्टि के,
वो कालों के भी काल हैं।
हे जगतपति हे जगदीश्वर,
तेरी महिमा अपरम्पार हे।

हे महाकाल हे ओंकारेश्वर
किस मुख से तेरा गुणगान करूं।
हे वैधनाथ हे केदार नाथ,
तुम्हे बारम्बार प्रणाम करू

जिनके मृदंग का मधुर नाद,
तीनों लोकों गूंज रहा,
डमरू के डम-डम से देखो,
ओंकार शब्द ही निकल रहा।
शिव मेरे हैं ,मैं शिव का हूं,
शिवमय सारा संसार हुआ।

हे डमरूधर, हे गंगाधर,
किस मुख से तेरा गुणगान करू।
हे कैलाशी ,हे त्रिपुरारी
तुम्हे बारम्बार प्रणाम करू।

जो कोई नही कर सकता है,
वो नाथ मेरे कर जाते है ।
जब बात हो पूरी सृष्टी की,
तब आप हला हल पीते है।
तीनों लोकों के स्वामी हैं,
मेरे सर पे उनका हांथ है।
वो आशुतोष शिव हैं मेरे,
मैं उनके चरणों की दास हूं।

हे भीमेश्वर ,श्री घृष्णेश्वर,
किस मुख से तेरा गुणगान करूं।
हे उमापति हे त्र्यम्बकेश्वर ,
तुम्हे बारम्बार प्रणाम करूं।

मै दासी तेरे चरणों की,
प्रभु आप दया के सागर हो।
मुझे काम-क्रोध ने घेरा है,
प्रभू आप तो इनके विजेता हो।
मुझे भव से पार लगा देना
मैं विनती बारम्बार करूं।
हे महादेव हे शिवशंकर
तुम्हे बारम्बार प्रणाम करूं
शिव स्तुति

 

रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज ( लखनऊ )

यह भी पढ़ें :-

भाई बहन का प्यार | Bhai Bahan ka Pyar

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *