एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे
एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे
एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे
जिसमें प्रिय एक कहानी हो
ना राजा हो ना रानी हो
प्रियसी प्रेमी की जिंदगानी हो ।।
एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे
जिसमें मिलने की चाहा रही
उसकी कोई तो निशानी हो
ऐसी मनोरम सी कहानी हो ।।
एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे ……..
जिसमें जब मीत मिले तब
गीत सजे होठों पर प्रीत के,
ऐसी ही कोई दीवानगी हो।।
एक प्रेम का गीत सुनाओ मुझे…..
जिसको सुनकर प्रफुल्लित हो
इस दिल मैं मेरे कई फूल खिले
ऐसे पहले सावन की कहानी हो ।।
एक प्रेम का गीत सुनाओ मुझे
जिसमें ना राजा हो ना रानी हो
ना मधुबाला की मधुबन सी छवि,
हां तेरी मेरी सी एक कहानी हो ।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश