रामदुलारे | Ram Dulare
रामदुलारे
( Ramdulare )
घट घट में श्री राम बिराजे रोम रोम श्रीराम है।
राम सेवा में आतुर रहते रामभक्त हनुमान है।
रामदुलारे अंजनी लाला पवन पुत्र हनुमान है।
सीना चीर दिखा सकते राम-राम में ध्यान है।
आराध्य श्रीराम प्रभु है जग के पालनहार है।
ध्यान लगा लो श्रीराम का सृष्टि के करतार है।
राम नाम की माला फेरे घट में राम बसाया है।
रामभक्त हनुमान प्यारा राम दुलारा आया है।
तन सिंदूर गदा कर सोहे राम नाम मतवाला है।
गिरि द्रोण संजीवनी लाए वीर बजरंग बाला है।
आठों सिद्धि नवो निधि बल बुद्धि दे दयानिधान।
भक्तों के रखवाले बजरंग रोग दोष हरे हनुमान।
भूत पिशाच कांपते सारे रामभक्त है राघव प्यारे।
भक्त करें जयकार खड़े मंझधार में आय संभारे।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )