रंगोली | Rangoli
रंगोली
( Rangoli )
रंगहीन सी जिंदगी में वो किसी रंगोली से कम नहीं।
उदासियों के भंवर में इक मीठी बोली से कम नहीं।
बदलाव की बयार लेकर आयी है वो मेरी जिंदगी में।
प्यार लुटाती सदा, वो किसी हमजोली से कम नहीं।
रंगहीन सी जिंदगी में वो किसी रंगोली से कम नहीं।
श्वेत-श्याम पट्टिका पर, बेबस लाचार रहा था मैं,
बंजर धरती पर निस्तेज मृतप्राय पड़ा रहा था मैं।
सूखी जमीं पर बरसती बूंदों की टोली से कम नहीं।
रंगहीन सी जिंदगी में वो किसी रंगोली से कम नहीं।
खानें के बेजान से स्वाद में नमक की तरह है वो,
सामान्य से चेहरे पर, छोटी बिंदी की तरह है वो
इक सुहागन के लिए वो कुमकुम-रोली से कम नहीं,
रंगहीन सी जिंदगी में वो किसी रंगोली से कम नहीं।
कड़वाहटों के दौर में, वो मीठी बोली से कम नहीं।
रंगहीन सी जिंदगी में वो किसी रंगोली से कम नहीं।