महामहिम द्रोपदी मुर्मू | Rashtrapati Draupadi Murmu par kavita
महामहिम द्रोपदी मुर्मू
( Mahamahim draupadi murmu )
अपनें अनुभवों और कार्यो से पाया आपनें मुकाम,
शिक्षक समाजसेवी राजनीति में किऍं बहुत काम।
अभिनन्दन और अभिवादन है आपका महामहिम,
माननीया श्रीमती द्रोपदी मुर्मू है जिनका यह नाम।।
एक बार फिर से रच दिया है आपनें ऐसा इतिहास,
महिलाओं का मान बढ़ाया जिसका है ये उल्लास।
१५ वें राष्ट्रपति के रुप में आप निर्वाचित हुऍं आज,
सुनहरे पन्नों में लिखें जाऍंगे आपके कार्य विकास।।
कई देखें है कष्ट आपने एवं देखें कई उतार-चढ़ाव,
पाया तेज़ दिमाग़ आपने इंसानियत का रखें भाव।
जवाबदारियाॅं समझकर आपने दिया सबका साथ,
एक के बाद दूसरी परेशानी फिर भी धोया है घाव।।
नहीं हारते है कभी ऐसे हिम्मत हौसला रखनें वालें,
या तों वह जीत जातें है अथवा फिर सीख लेते है।
जवाबदारियाॅं उठाने को फिर भी वें तैयारी में रहते,
है कई उदाहरण ऐसे जो परेशानियाॅं खदेड़ देते है।।
राष्ट्रपति का पद ग्रहण कर किये संविधान सम्मान,
सारे संसार में महिलाओं का फिर से बढ़ाया मान।
पूर्व में मन्त्री और झारखंड राज्यपाल भी रहें आप,
आदिवासी होकर भी आप वतन की बनी है शान।।