रिमझिम-रिमझिम बारिश आई

रिमझिम-रिमझिम बारिश आई

 

रिमझिम-रिमझिम बारिश आई।
गर्मी सारी दूर भगाई।।

बारिश ले कर आये बादल।
भीग गया धरती का आँचल।।

चली हवाएं करती सन-सन।
झूम उठे हैं सबके तन-मन।।

बादल प्यारे गीत सुनाते।
बच्चे मिलकर धूम मचाते।।

जीव जन्तु और खेत हर्षाए।
पंछियों ने पँख फैलाए।।

बनते घर में मीठे पूड़े।
चाय के संग बने पकोड़े।।

छाता लेकर निकले बच्चे।
शोर मचाते लगते अच्छे।।

चारों ओर अब खुशियाँ छाई।
रिमझिम-रिमझिम बारिश आई।।

Dr. Satywan  Saurabh

डॉo सत्यवान सौरभ

कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी,
हरियाणा

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