सादगी | Saadgi par chhand
सादगी
( Saadgi )
मनहरण घनाक्षरी
सत्य शील सादगी हो,
ईश्वर की बंदगी हो।
आचरण प्रेम भर,
सरिता बहाइये।
संयम संस्कार मिले,
स्नेह संग सदाचार।
शालीनता जीवन में,
सदा अपनाइये।
बोल मीठे मीठे बोलो,
मन की अंखियां खोलो।
जीवन की नैया भैया,
पार कर जाइए।
अभिमान तज सारे,
हरि नाम भज प्यारे।
मन में विश्वास भर,
सब सुख पाइये।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )