Kahani Shayari
Kahani Shayari

कहानी भी रहेगी

( Kahani bhi rahegi ) 

 

ज़िक़्र ग़म का और खुशियों की कहानी भी रहेगी
अब मुकम्मल दिल की मेरे राजधानी भी रहेगी।

है ठसक लहज़े में उनके गर रदीफ़ों की तरह तो
काफ़िये सी मेरी ग़ज़लों की रवानी भी रहेगी।

सोच कर ही बोलिए की बात ले दिल पे न कोई
बात आख़िर में ख़ुदा से सब बतानी भी रहेगी।

क्या बताएं कर के वादा भूल वो जाते हैं अक्सर
खाईं कसमें आज जो वो कल निभानी भी रहेगी।

पुरकशिश है शख़्सियत जिसकी जरूरी तो नहीं है
आन उसकी शान उसकी खानदानी भी रहेगी।

वो बहुत मशहूर ओ मारूफ़ शायर हो गया अब
बज़्म में अब हाज़िरी उसके लगानी भी रहेगी।

हो अगर कश्ती भंवर में याद कर लेना खुदा को
साथ में ताकत नयन वो आसमानी भी रहेगी।

 

सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया  ( उत्तर प्रदेश )

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