साड़ी परिधान | Saree Paridhan
साड़ी परिधान
( Saree Paridhan )
नारीत्व निरुपम विभा,साड़ी परिधान में
हिंद संस्कृति नारी जगत,
देवी तुल्य परम छवि ।
सुसंस्कार मर्यादा वाहिनी,
परंपरा वंदन श्रृंगार नवि ।
सदियों सह दिव्य शोभना,
परिवार समाज राष्ट्र पहचान में ।
नारीत्व निरुपम विभा,साड़ी परिधान में ।।
यजुर्वेद ऋग्वेद संहिता उल्लेख ,
साड़ी अंतर मांगलिक महत्ता ।
यज्ञ हवन व्रत उपासना काज,
सशक्त धर्म आस्था सत्ता ।
वासस अधिवासस वैदिक उपमा,
स्नेहिल सेतु वरिष्ठ मान सम्मान में ।
नारीत्व निरुपम विभा,साड़ी परिधान में ।।
आकार प्रकार शैली सौंदर्य,
भोगौलिक परंपरा अहम बिंदु ।
रूचि अभिरुचि प्रधान घटक,
पारिवारिक मूल्य निर्वहन सिंधु ।
आत्मविश्वासी सहज आराम दायक,
अभिवृद्धि गरिमा शील शान में ।
नारीत्व निरुपम विभा,साड़ी परिधान में ।।
कांजीवरम बनारसी मधुबनी,
पटोला नौवारी मूंगा रशम चंदेरी ।
गठोड़ा तसर बालूछरी कांथा ,
रशमी हकोबा बंधेज महेश्वरी ।
लोक रंग विविधा संज्ञा संबोधन,
परिवेश प्रफुल्लित मनोरम मुस्कान में ।
नारीत्व निरुपम विभा, साड़ी परिधान में ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)