Naya ho Acha

नया हो अच्छा नए साल में

( Naya ho acha naye saal mein )

 

नया हो अच्छा नए साल में, सरल सच्चा हाल में।
प्रेम सुधा रसधार बहाएं, आओ हम नूतन साल में।

अरमानों को पंख लगाएं, उम्मीदों के दीए जलाएं।
आशाएं झोली में भर, आओ आगे कदम बढ़ाए।

संस्कार शोभित कर ले, कीर्तिमान नए रच जाए।
कला कौशल सेवा से हम, जीवन में उजाला पाएं।

सत्य शील जीवनधारा, प्यार के मोती हम लुटाए।
दीन हीन राहों में आये, बढ़कर उनको गले लगाए।

वृक्ष लगाए नव चेतनता, कुदरत का सुंदर श्रृंगार।
बुजुर्गों की सेवा करके, आशीषो का पाएं उपहार।

मिलकर बांटे प्रेम के मोती, स्नेह की निर्झर धारा।
हौसलों की हम भर लें उड़ानें, आया नववर्ष प्यारा।

नूतन मन विचार हो, हम नव सृजन की ओर चलें।
मंगलमय यह शुभ वर्ष, एक नई सुहानी भोर पले।

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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