शहर आया तेरी दोस्ती के लिये!
शहर आया तेरी दोस्ती के लिये!
शहर आया तेरी दोस्ती के लिये!
वरना मेरा नहीं कोई है शहर में
बेदिली से बातें मत कर मुझसे सनम
और भी वरना मकां है शहर में
माना है तुझको हमेशा अपना है
ग़ैर तुझको अब नहीं कर सकता हूँ
तोड़ दूँ कैसे भरा दिल प्यार से
पाप मुझको ही लगेगा ये वरना
नाम तेरे जिंदगी लिख दी अपनी
किस तरह तुझसे रहूँ फ़िर दूर मैं
दिल नहीं लगता सनम तेरे बिना
शहर में तेरे आया हूँ गांव से
ए सनम नाराज़ मत होना कभी
चोट दिल पे ही लगेगी आज़म के
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )