Shiksha Kavita | Shiksha Par Kavita | Poem On Shiksha -शिक्षा
शिक्षा
( Shiksha )



न जाने कौन सी बीमारी है ( Na Jane Kaun Si Bimari Hai ) जिगर में दर्द अश्क जारी है। न जाने कौन सी बीमारी है।। शुकून लाऊं तो लाऊं कैसे, हर तरफ बहुत पहरेदारी है।। चार कंधों पर सज गया बिस्तर, क्या मेरे जाने की तैयारी है।। मुहब्बत खेल…

हिन्दी की बात ( Hindi ki Baat ) कहने कोहम हिन्दी को बहुत मानते हैंऔर बच्चों का प्रवेशअंग्रेजी माध्यम में करवाते हैं।ओ! दोहरी मानसिकता के लोग,मातृभाषा से दूर रहकरबच्चे का विकास होगा क्या?मातृभाषा तो सहज हीहर शिशु सीख लेता है,तो हम उस बस्ते के बोझ के साथक्यों अंग्रेजी का बोझ डालें?हिन्दी को जीवन काक्यों ना…

किराए की मस्ती ( Kiraye ki masti ) खार ही खार बिखरे हैं चमन में मिलते नहीं फूल गुलाब के सवालों की चादर में लिपटे हैं सभी मिलते नहीं उत्तर जवाब के साथ की जरूरत में आता नहीं साथ कोई निकल जाने पर वक्त के मिल जाते हैं हमदर्द कई मिलते हैं रिश्ते अपने…

सौंदर्य ( Saundarya ) सौन्दर्य समाहित ना होता, तेरा मेरे अब छंदों में। छलके गागर के जल जैसा, ये रूप तेरा छंदों से। कितना भी बांध लूं गजलों मे,कुछ अंश छूट जाता है, मैं लिखू कहानी यौवन पे, तू पूर्ण नही छंदों में। रस रंग मालती पुष्प लता,जिसका सुगंध मनमोहिनी सा। कचनार कली…

जीवन का उद्देश्य ( Jeevan ka uddeshya ) जीवन क्या बहती सरिता लक्ष्य को पहचान लो सपनों को पंख लगाकर मानव नई उड़ान भरो हौसला हृदय में लेकर सद्भावों के भाव भरकर हर्ष खुशी प्रेम बांटे होठों पे हंसी मुस्कान लेकर जिंदगी का सफर सुहाना जीने की राहें चुन लो पल पल…