सब क्यों नहीं?

सब क्यों नहीं | Kyon nahi | kavita

सब क्यों नहीं ?

( Sab kyon nahi )

*****

खुशबू सा महक सकते?
चिड़ियों सा चहक सकते?
बादलों सा गरज सकते?
हवाओं सा बह सकते?
बिजली सा चमक सकते?
बर्फ सा पिघल सकते?
सूर्य सा जल सकते?
नदियों सा लहरा सकते?
तिरंगा सा फहरा सकते?
भौरों सा गुनगुना सकते?
कोयल सी कू कू कर सकते?
मयूर सा नाच दिखा सकते?
राधा-कृष्ण सा रास रचा सकते?
राम सा वचन निभा सकते?
पर्वत सा साहस दिखा सकते?
फसलों सा लहलहा सकते?
बुद्ध सा मुस्कुरा सकते?
सारे प्रश्नों का उत्तर एक ही!
हम हैं स्वार्थी ! हम हैं स्वार्थी !!
उपर्युक्त सारी क्रियाएं हैं नि:स्वार्थ,
हमारी हर क्रिया के पीछे छिपा है स्वार्थ।
इसलिए हम नहीं कर सकते,
हम तो इतना ही कह सकते ।

 

?

नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

यह भी पढ़ें :

कोरोना काल में हो रहे सब मोटे | Corona kal par kavita

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *