Poem on truth of life in Hindi | सुख दुख सब मन की माया
सुख दुख सब मन की माया
( Sukh dukh sab man ki maya )
उर जोत जला आशा की
नेह का दीप जलाता आया
मुस्कानों के मोती बांटो
सुख-दुख सब मन की माया
अटल हौसला जोश जज्बा
साहस उर भर लो भरपूर
प्रेम के मोती लुटाकर
प्यारे जग में हो मशहूर
सेवा करें ठंडी छांव की
सदा मिले बड़ों का साया
आशीष ले झोली भर लो
सुख-दुख सब मन की माया
समदर्शी संमभाव बने हम
सम्यक दृष्टि रखे हमारी
संकट में जो साथ निभाए
रहे सदा उनके आभारी
मददगार बने हम उनके
जहां कहर टूटकर आया
दो पल की है जिंदगानी
सुख-दुख सब मन की माया
हंसी खुशी में वक्त बिताएं
बाटे खुशियों के अंबार
अपनापन अनमोल सजीला
प्यारा सुंदर सा संसार
हिलमिल रहकर दुनिया में
सदा मुदित मन हरसाया
महक उठे कोना-कोना
सुख-दुख सब मन की माया
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )