धूप उल्फ़त लेकर उगा सूरज | Suraj Shayari
धूप उल्फ़त लेकर उगा सूरज
( Dhoop ulfat lekar uga suraj )
धूप उल्फ़त लेकर उगा सूरज
नफ़रतों का वो ढ़ल गया सूरज
दूर करके अंधेरे नफ़रत के
प्यार की धूप दें रहा सूरज
आज मौसम में है वफ़ा ख़ुशबू
पेश नरमी से ही हुआ सूरज
नफ़रतों को दिल से जला डाला
प्यार की धूप कर गया सूरज
ढ़ल गए है वो ग़म भरे ही दिन
हाँ ख़ुशी लेकर के उगा सूरज
पंछी कोयल वो गीत सब गाये
दें रहा किरणें वो वफ़ा सूरज
हाँ अंधेरे ग़म के मिटायेगा
रोशनी प्यार दें सदा सूरज
दूर नफ़रत आज़म रखेगा ये
प्यार की धूप से भरा सूरज