प्यार से मां बना रही रोटी

प्यार से मां बना रही रोटी

प्यार से मां बना रही रोटी     प्यार से मां बना रही रोटी हाँ खिलाती उल्फ़त भरी रोटी   हो रही मां गुस्सा बहुत मुझसे खा गया है कोई सभी रोटी   आया जब से परदेश में हूँ मैं याद आती मां की वही रोटी   इसलिए रह गया हूँ भूखा मैं चूल्हे पे…

मुझे मुहब्बत की वह ज़माना याद है

मुझे मुहब्बत की वह ज़माना याद है

मुझे मुहब्बत की वह ज़माना याद है     मुझे मुहब्बत की वह ज़माना याद है तुम्हारा हम से रूठ जाना याद है   तुम्हे याद हो के ना उसका याद हो हमें दिन रात का फ़साना याद है   उफ़्फ़ यह मुहब्बत का सजा भी अब तक हमको तेरा बहाना याद है   बीमारी-ए-दिल…

घूंघट

घूंघट

घूंघट सतरंगी रश्मियों सा आकाश होगा। घूंघट का पट खुलेगा तो प्रकाश होगा।। मीन जल के बीच करत कलोल जो है, नैन के गोलक अमोलक लोल जो हैं, कनक कामिनि अचिद मिथ्याभास होगा।। घूंघट ० सप्तफेरी हुयी तब घूंघट मिली है, कितने झंझावात आये न हिली है, घूंघट के पट झीन न कर नाश होगा।।…

छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं

छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं

छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं   छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं इस तरह से मुझे रुलाओ नहीं   अब हक़ीक़त में आओ सनम अब मेरे रोज़ यूं ख़्वाब में मेरे आओ नहीं   साथ मेरा निभालो सदा के लिए प्यार करके मुझे यूं सताओ नहीं   सच रहेगा हमेशा लबों पे मेरे झूठे इल्जाम यूं…

है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी ।

है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी | Ghazal musafir sabhi

है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी  ( Hai ghadi do ghadi ke musafir sabhi )   है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी । समझते क्यूं नहीं बात ये फिर सभी।।   है खुदा वो बसा हर बशर में यहां। देख पाते नहीं लोग काफिर सभी ।।   याद करता ना कोई किसी को…

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं   राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं। मुश्किलें देख कर सर झुकाना नहीं।।   कामयाबी मिले जो ना फिर भी कभी। अश्क कोई कभी तुम बहाना नहीं।।   कुछ असंभव नहीं है जहां में यहां। याद रखना कभी भूल जाना नहीं।।   बाजुओं का भरोसा…

आसमाँ को वही चूम पाया कभी

आसमाँ को वही चूम पाया कभी | Hausala shayari

आसमाँ को वही चूम पाया कभी   आसमाँ को वही चूम पाया कभी। पांव पीछे न जिसने हटाया कभी।।   आज ऐसा ज़माने में कोई नहीं। बौझ ग़म का न जिसने उठाया कभी।।   चैन से रह ना पाया ज़माने में वो। दिल किसी भी बशर का दुखाया कभी।   वो खुशी भी उसे दिल…

दोस्त बनकर के रहो मत

दोस्त बनकर के रहो मत | Ghazal dost banker

दोस्त बनकर के रहो मत ( Dost banker ke raho mat )    दोस्त बनकर के रहो मत दुश्मनी मुझसे करो मत   प्यार की आंखें मिलाओ मुंह चढ़ाकर के चलो मत   दिल से ही अपनें भुला दो हिज्र में उसके जलो मत   पढ़ ली है आंखें तुम्हारी और कुछ भी यूं कहो…

मौला..! तू करम करना

मौला तू करम करना

मौला..! तू करम करना ( Maula tu karam karna )    अल्लाह..! तू करम करना मौला..! तू रहम करना बस…. इतनी दया तू करना जो भटक गए हैं उनको तू राह दिखाना उनको तू सद्बुद्धि देना उनको तू सन्मार्ग दिखाना वे नापाक हरकतों को छोड़ दें कदाचार को वे छोड़ दें अल्लाह..! तू इतना करम…

आओ भी जानम प्यार करे

Romantic Ghazal | आओ भी जानम प्यार करे

आओ भी जानम प्यार करे   आओ भी जानम प्यार करे ! दिल की बातें इजहार करे   आओ उल्फ़त छेड़े बातें न गिले शिकवे यूं यार करे   न करो इंकार वफ़ा से तुम मेरी उल्फ़त इक़रार करे   तोड़ो मत दिल प्यार भरा तुम न सनम दिल यूं आजार करे   दो न…