ढूंढता हूं रास्ता

ढूंढता हूं रास्ता | Dhoondhata hoon raasta | Ghazal

 ढूंढता हूं रास्ता ! ( Dhoondhata hoon raasta )   मैं वफ़ा का रोज ही वो ढूंढ़ता हूं रास्ता! रात दिन दिल में ही ऐसा सोचता हूं रास्ता   रास्ता कोई बताता ही नहीं कैसा नगर हर किसी से उसके घर का पूछता हूं रास्ता   राह में चाहे कितनी भी दग़ा मुझको मिले पर …

प्यार के टूटे किनारे आज फ़िर 

प्यार के टूटे किनारे आज फ़िर | Pyar ghazal

प्यार के टूटे किनारे आज फ़िर ( Pyar ke tute kinare aaj phir )   पड़ गयी दिल में दरारें आज फ़िर प्यार के टूटे किनारे आज फ़िर   बट गये आंगन अदावत से यहां नफ़रतों की है दिवारें आज फ़िर   ढ़ल गया मौसम गमों का अब यहां खिल उठी ये बहारें आज फ़िर…

खेलते थे गांव में कंचे बहुत

खेलते थे गांव में कंचे बहुत | Bachpan par shayari

खेलते थे गांव में कंचे बहुत ( Khelte the gaon mein kanche bahot )   खेलते थे गांव में गुल्ली डंडा कंचे बहुत शहर में नफ़रत मिली है खेलने को देखिए   गांव में है प्यार मेरे हर घड़ी नफ़रत नहीं इस कदर है शहर में ही बस अदावत के शोले   शहर में ऐसा…

ख़ुशी का हर घड़ी मातम हुआ है

ख़ुशी का हर घड़ी मातम हुआ है | Matam shayari

  ख़ुशी का हर घड़ी मातम हुआ है ( Khushi ka har ghadi matam hua hai )     नहीं दिल से मेरे, गम कम हुआ है ख़ुशी  का  हर  घड़ी मातम हुआ है   मुहब्बत दोस्ती सब ख़त्म रिश्ते अदावत का बुलन्द परचम हुआ है   हवाएं बन्द हैं प्यारो वफ़ा की के नफ़रत…

तेरा ये शबाब

तेरा ये शबाब |Tera ye shabab | Ghazal

तेरा ये शबाब ( Tera ye shabab )   खिलता हुस्न का तू गुलाब है! ग़जब  का  तेरा  ये शबाब है नशा क्यों न हो इश्क़ का मुझे लब तेरे  सनम  जब शराब है जिसे पढ़ना बाकी कभी जरा तू वो शायरी की क़िताब है उसे देखने को मचलता दिल ढला न वो चेहरे से…

दिल जख्मी तेरी याद में

दिल जख्मी तेरी याद में | Dil zakhmi teri yaad mein | Gam bhara shayari

दिल जख्मी तेरी याद में ( Dil zakhmi teri yaad mein )   रात भर जागूं मैं तेरी याद में! हो गया  दिल जख्मी तेरी याद में   चैन नहीं है एक पल भी ए सनम है आंसू आंखों में तेरी याद में   लौट आ तू ए सनम परदेश से कट रही है जीस्त…

मजबूत नींव का भरोसा चाहिए

मजबूत नींव का भरोसा चाहिए || Majboot neev ka bharosa || Kavita

मजबूत नींव का भरोसा चाहिए ( Majboot neev ka bharosa chahiye  ) कमजोर नींव पर बना मकान टिकता नहीं है माल रद्दी हो तो मुफ्त में भी बिकता नहीं है। टिकने या बिकने के लिए भरोसेमंद होना जरुरी है- तभी उसके प्रति लोग आकर्षित होते हैं, कभी कभी तो मुंहमांगी कीमत देते हैं। बनिए भरोसेमंद…

प्यार की हो बहार

प्यार की हो बहार | Ghazal pyar ki ho bahar

प्यार की हो बहार ( Pyar ki ho bahar )   प्यार की हो बहार आज़म पे रोज़ हो बेशुमार आज़म पे   दर्द ग़म भूल जाये जीवन के बरसे इतना बस प्यार आज़म पे   दर्द ग़म झेलता रहा हूं मैं खुशियां बरसे अब यार आज़म पे   रब मिला दें मुझे उसी से…

दोस्ती में ही जो वफ़ा मिलती

दोस्ती में ही जो वफ़ा मिलती | Ghazal dosti

दोस्ती में ही जो वफ़ा मिलती ! ( Dosti mein hi jo wafa milti )     दोस्ती में ही जो वफ़ा मिलती ! रोज़ तेरी दिल में सदा मिलती   मंजिलें मिल जाती मुझे मेरी जो मुझे अपनों से दुआ मिलती   रोज़ ग़म से न यूं  तड़पता फ़िर जीस्त में जो ख़ुशी ख़ुदा…

अब वो चेहरा नजर नहीं आता

अब वो चेहरा नजर नहीं आता | Ab wo chehra ghazal

अब वो चेहरा नजर नहीं आता ( Ab wo chehra nazar nahi ata )   अब वो चेहरा नजर नहीं आता गुम कहां है इधर नहीं आता   वो अगर मिलता ही नहीं मुझसे चैन दिल को मगर नहीं आता   दोस्ती उससे तोड़ देता मैं आज मिलनें वो गर नहीं आता ।।   लग…