मुहब्बत बस हमारे गांव में

मुहब्बत बस हमारे गांव में | Ghazal

मुहब्बत बस हमारे गांव में ( Muhabbat bas hamare gaon mein )     बारिशों के है इशारे गांव में देखो  टूटे है किनारे गांव में   वरना देखी है नगर में नफ़रतें है मुहब्बत बस हमारे गांव में   जो किसी भी शहर होते नहीं वो हसीं देखें नजारे गांव में   देखने को…

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती | Wafa shayari

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती ( Jab kisi se wafa nahi milti )   जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती ! टूटे दिल में सदा नहीं मिलती   डूब जाता है दिल गमों में फ़िर इश्क़ की जब दवा नहीं मिलती   हर कोई खाया है  किसी में ही यादें दिल से जुदा नहीं…

ख़ामोश लब

ख़ामोश लब | Ghazal khamosh lab

ख़ामोश लब ( Khamosh lab )     हर घड़ी अच्छी नहीं ख़ामोश लब कुछ बोलो मत रहो ख़ामोश लब   प्यार से आवाज़ देते हम रहे और वो बैठे रहे ख़ामोश लब   जख़्म ऐसा कल वफ़ा में ही मिला ग़म दिल में ही हो गये ख़ामोश लब   क्या सुनाऊँ शाइरी मैं दोस्तों…

पास है अब तू नहीं

पास है अब तू नहीं | Paas hai ab too nahin | Ghazal

पास है अब तू नहीं ( Paas hai ab too nahin )   जिंदगी में प्यार की खुशबू नहीं! इसलिए की पास है अब तू नहीं   कर लिया है सब्र उसका मैंनें ही अब तो यूं आते मगर आंसू नहीं   ढूंढ़ती उसको रही आंखें मेरी वो नजर आया मुझे हर सू नहीं  …

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो | Ghazal by Nepali Urdu Shayar

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो ( Be andaaja had se guzre to )   बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो दर्दो के दवा पाया दवा कुछ ऐसा पाया की दर्द ही बे-दवा पाया   इश्क़ ने क़रार-ए-ज़ीस्त का खबर क्या पाया उम्र भर की तपिश तृष्णागि ने एक आहा पाया   असर दुवाओ में है, हमने…

यूँ मजबूर ना कर

यूँ मजबूर ना कर | Yoon majboor na kar | Ghazal

मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर ( Mere hath ko yoon majboor na kar )   मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर कोई तस्बीर बनाने के लिए ता-उम्र साथ निभाने की वादा ना कर अभी छोड़ जाने के लिए   मेरे कमरों में तुम्हारी तस्बीर और धुवां ही धुवां है कुछ तो दिल…

उसने किया होगा 'गजल'

उसने किया होगा ‘गजल’

उसने किया होगा ‘गजल’   होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा जहर जुदाई का उसने खातिर मेरे खाया होगा   कांटो को चुनकर उसने मेरे राहों से  उसने जीवन में मेरे फूल गाया होगा    याद सताया जब पाया हरेक चेहरों में मुझे मेरे तस्वीर को चुपके सीने से हटाया होगा   मेला की धूम…

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था   उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था बाकी सब तो फ़क़त इसीका बहाना था   मुहब्बत यूँ भी तो बड़ा अजब है यारा के खुद से रूठकर दुसरो को मनाना था   हम पर फ़ज़ा-ए-उल्फत की नज़र ऐसी है जान के लिए बाज़ी जान का…

किस्सा-दर-किस्सा

किस्सा-दर-किस्सा | Kissa-dar-kissa | Ghazal

किस्सा-दर-किस्सा ( Kissa-dar-kissa )     किस्सा-दर-किस्सा का मुझे साफ़ बयानी चाहिए कुछ किताबें, कुछ रंजिशें और कुछ गुमानी चाहिए   ये भी बहोत खूब है, तुम्हे कुछ भी तो नहीं चाहिए और एक में हूँ जिसको सफर भी सुहानी चाहिए   ज़िन्दगी गुजर सकती है बस एक भरम के साथ मुहब्बत की राह में…

उसके आँखों में सुहाल होगा

उसके आँखों में सुहाल होगा | Ghazal uske aankhon mein

उसके आँखों में सुहाल होगा ( Uske aankhon mein suhal hoga )   उसके आँखों में सुहाल होगा और कहाँ इस जहाँ में येसे मिराल होगा   हुस्न-ए-अंदाज़ से टुटा था जो दील अब जुड़ने में मुहाल होगा   हालत-ए-हाल जो हमारी है ये उसी का कमाल होगा   इसी आरज़ू के साथ अर्सो से…