कोरोना की बरसी !

कोरोना की बरसी !

कोरोना की बरसी ! ***** सुन आई हंसी देखा केक काट थी रही! किसी ने कहा- जन्मदिन मना ली? अब जाओ इतना भी न सताओ। करोड़ों पर तेरी कृपा हुई है लाखों अब भी पीड़ित हैं इतने ही हुए मृत हैं। न दवा है न वैक्सीन और कितना रूलाएगी? ऐ हसीन! हसीन कहने पर लोग…

बताओ कौन ?

बताओ कौन ?

बताओ कौन ? ***** परिस्थितियों का मारा बेचारा! थका-हारा लिए दो सहारा चल रहा है चला रहा है सातवीं बार आगे आगे जा रहा है! देखिए आगे क्या हो रहा है? किधर जा रहा है? लड़खड़ा रहा है या निकल जा रहा बेदाग? अभी तक तो नहीं लगे हैं उसे कोई दाग! सिवाए कुछ आरोपों…

चांद पर मिला पानी

चांद पर मिला पानी

चांद पर मिला पानी ****** सुन हुई हैरानी शुरू हो सकेगी जिंदगानी करने को मिलेगी मनमानी! यान धरती से होगा रवाना अब लगा रहेगा आना जाना अब न रह जाएगी कोई कहानी बहुत किए हो अपनी मनमानी तेरी सुन रखीं हैं कितनी कहानी दूध भात लाने में करते हो देर बच्चे इंतजार करते जाते हैं…

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें     कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें न यूं बेरुख़ी तू  ज़नाब दें   किसी की लगेगी बुरी नज़र सनम चेहरे को तू हिजाब दें   न कर तू मुझे अजनबी मगर सनम प्यार का तू गुलाब दें   वफ़ा में दिये है मुझे तूने ग़मों…

जस्टिस फॉर गुलनाज

जस्टिस फॉर गुलनाज

जस्टिस फॉर गुलनाज ****** #justice_for_Gulnaz चाहे सरकारें बदलती रहें राज जंगलवाली ही रहे ऐसे में हम कहें तो क्या कहें? जब प्रशासन ही अपना चेहरा उजागर करे! कौन जीये/मरे फर्क जरा नहीं पड़े सिस्टम हैं सड़े आम आदमी है डरे अपराधी मजे ले अफसर चलें सियासी चाल सरकारों की रखें भरपूर ख्याल होते मालामाल ठोकते…

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है   हमसे पूछो न कि हुआ क्या है, दर्दे दिल की मेरे दवा क्या है।। तंग जेबों में ढूंढ़ने वालों, तुमको मालूम है कहां क्या है।। आज ही शुक्रिया कहूं उसका, कल की सांसों का भरोसा क्या है‌।। घोंटकर मेरी ख्वाहिशों का गला, पूछता है मेरी रजा़ क्या…

पछतावा

पछतावा

पछतावा *** नहीं हो सका तुझसे कुछ भी अच्छा! रहा बच्चा का बच्चा, दिल का सादा और सच्चा। ईर्ष्या द्वेष वैमनस्य न जाना, ज़माने की दस्तूर न माना; देते हैं लोग अब ताना। मूर्ख ! तू इतना भी न जाना? छल कपट का है जमाना। कुछ कराने को ‘कुछ’ करना पड़ता है, वरना फाइल ठंडे…

भावनाएँ

भावनाएँ

भावनाएँ   भावनाएँ अनमोल होती है..  जिंदगी खुशी और सकून देती है  यह हौसला, उम्मीद और ताकत देती हैं  भावनाएं ही हमें जीव से इंसान बनाती हैं जब तक भावनाएं हैं  तब तक ही हम इंसान है  सही मायने में भावना ही इंसानियत का पाठ पढ़ाती है हमें..!  भावनाओं से ही तो रिश्ते बनते हैं…..

आओ मिलकर दीप जलाएं

आओ मिलकर दीप जलाएं | Poem on Diwali in Hindi

आओ मिल कर दीप जलाएं ( Aao milkar deep jalaye )   ***** आओ मिलकर दीप जलाएं, अपने जैसा हर घर चमकाएं। पुष्पों दीपों से रौशन करें आंगन, खुशियों से भर दें हर एक दामन। जलाएं हंसी की फुलझड़ी, टपके खुशियां घड़ी घड़ी। ठहाकों की फोड़े पटाखा, दूर करें जग की निराशा। कृत्रिम रौशनी और…

अंधेरा चाहे कितनी कोशिशें करता रहेगा

अंधेरा चाहे जितनी कोशिशें करता रहेगा | Diwali ki kavita in Hindi

अंधेरा चाहे जितनी कोशिशें करता रहेगा ( Andhera chahe jitani koshish karta rahega )     अंधेरा चाहे जितनी कोशिशें करता रहेगा। ये मिट्टी का दिया है उम्र भर जलता रहेगा।   शहर के पटाखे सब लूट लेगें फिर दिवाली, गाँव का बम बेचारा हाथ ही मलता रहेगा।   तूँ पत्थर है तो हम भी…