लक्ष्य

लक्ष्य

लक्ष्य   है दुनिया में ऐसा कौन? जिसका कोई लक्ष्य न हो।   तृण वटवृक्ष सिकोया धरा धरणीपुत्र गगन हो।   प्रकृति सभी को संजोया कण तन मन और धन हो।   खग जल दिवा-रजनी बाल वृद्ध जन व पवन हो।। है दुनिया ०   सब संसाधन यहीं हैं,सही है, कहां दौड़ते ऐ विकल मन…

अपना भारत फिर महान हो जाता

अपना भारत फिर महान हो जाता

अपना भारत फिर महान हो जाता ********   ऊंची मीनारों में रहने वालों जरा रहकर इक व्रत देख लेते एहसास हो है जाता  भूख होती है क्या? मजलूम मजदूरों का निवाला  छीन कर खाने वालों, एहसास हो है जाता भूख से बिलखते बच्चों की भूख होती  है क्या? इन बच्चों में जो देख लेते  अपना…

न कर फरियाद दुनिया से

न कर फरियाद दुनिया से

न कर फरियाद दुनिया से   न कर फरियाद दुनिया से सहारे भी नहीं मिलते। कभी मझधार में आकर किनारे भी नहीं मिलते।।   गुलो-गुलजार की पहले सी वो रौनक कहां है अब ? यूं मौसम ए ख़िजां में अब बहारें भी नहीं मिलते ।।   यहां जीवन सभी का ही हमें वीरां बहुत लगता।…

उसकी यादें के आंसू है आंख में

उसकी यादें के आंसू है आंख में

उसकी यादें के आंसू है आंख में     उसकी यादें के आंसू है आंख में! आ गयी लाली ग़मों की आंख में   देखता हूँ आईना आती नजर क़ैद सूरत हो गयी वो आंख में   दें गया वो  बेवफ़ाई के आंसू छोड़ गया ग़म ए असर वो आंख में   आंख से क्या…

दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है

दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है

दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है     दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती  है। दिल लरज़ता है कभी रूह भी यहां तङफती है ।।   कौन रूसवा ना हुआ आकर यहां गलियों में। पंक में ही तो मुहब्बत की कली खिलती है।।   नाम थकने का न लेती है ज़माने में…

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में     उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में! चोट खायी प्यार में ही इसलिए है   होश आया तो ये जाना जीवन क्या है वरना डूबा था मुहब्बत के नशे में   जिंदगी में दुख बहुत देखें ख़ुदाया चाहता हूँ मैं ख़ुदा ये ही ख़ुशी…

वो दिलों में फासला

वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे

वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे     वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे । तोङ सारे ख्वाब दिल के रोज ढाते ही रहे।।   दिल में बैठाया हमेशा ही यकीं हमने किया। गैर के जैसे सदा वो पेश आते ही रहे ।।   प्यार की बातों को मेरा…

कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी!

कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी!

कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी!     कब  ख़ुशी की यहां जली बीड़ी! रोज ग़म की जलती रही बीड़ी   बुझ जाती है जलने से पहले ही जो जलाता  हूँ प्यार की बीड़ी   नफ़रतों की जली यहां ऐसी सब ख़ुशी  ख़ाक कर गयी  बीड़ी   छोड़ दें  पीना दोस्त इसको तू कर रही …

रक्षक

रक्षक

रक्षक जन्म लेकर जब वह आंख खोलती है देख कर दुनिया जाने क्या सोचती है   भरकर बाहों में है प्यार से उठाता शायद इसे ही मां कहा जाता   चारों तरफ है लोगों की भीड़ किससे कौन सा रिश्ता नाता   कोई भाई, चाचा कोई तो कोई मेरा पिता कहलाता मैं तो ढूंढूं उसे…

ज़माने की चालों से तुम बचके चलना

ज़माने की चालों से तुम बचके चलना

ज़माने की चालों से तुम बचके चलना     ज़माने की चालों से तुम बचके चलना। सिखाएंगे तुमको सदा रँग बदलना।।   हमें दिल लगाने की दौलत मिली  है । कि सारी उमर फिर पड़ा ग़म में जलना।।   यहां बेवफाई का आलम न पूछो। मिटा दिल के अरमां पड़ा है तङफना।।   ये हसरत…