भविष्यकर्ता

भविष्यकर्ता | डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव की कलम से

भविष्यकर्ता ( Bhavishyakarta ) उनकी समझदार पत्नी में उन्हें पुनः समझाने का निरर्थक प्रयास करते हुये कहा “मन्त्री ने निमन्त्रण पत्र मतदाता सूची देख कर वितरित किये है। जन प्रतिनिधियों की हर क्रिया सार्वजनिक होती है चाहे वह कितनी ही गुप्त क्यों न हो । तुम में ये ऐसी कोई विशेषता नही देखती जिसमें मन्त्री…

माॅ का आर्शीवाद

माॅ का आर्शीवाद | डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव की कलम से

दिन में तीन या चार बार गरमागरम खाने से औलाद का पेट भरने के साथ साथ मां पर यह कर्तव्य भी निर्धारित किया गया है कि वह पुत्र को आर्शीवाद भी दे। वेदों और पुराणों में माॅ का आर्शीवाद दो तरह का बतलाया गया है। पहला है ”श्रेय” आर्शीवाद जो औलादों को अस्वीकार्य होता है।…

बंधु अपने दिल की सुन

बंधु अपने दिल की सुन | Geet

बंधु अपने दिल की सुन ( Bandhu apne dil ki soon )   चल राही तू रस्ता चुन, बंधु अपने दिल की सुन। बंधु अपने दिल की सुन,बंधु अपने दिल की सुन। अपनी धुन में बढ़ता जा, उन्नति शिखर चढ़ता जा। आंधी से तूफानों से, हर मुश्किल से लड़ता जा। हौसला करके बुलंद, गा मस्ती…

छात्रों के लिए शिक्षा का महत्व

छात्रों के लिए शिक्षा का महत्व | Essay In Hindi

निबंध – छात्रों के लिए शिक्षा का महत्व ( Importance of education for students : Essay In Hindi ) शिक्षा महत्वपूर्ण है लेकिन यह सिर्फ एक अल्पमत है। शिक्षा किसी के जीवन को बेहतर बनाने का एक हथियार है। यह शायद किसी के जीवन को बदलने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। बच्चे की शिक्षा घर…

मेघा

मेघा | Kavita

मेघा ( Megha )   बरस रे टूट कर मेघा, हृदय की गाद बह जाए। सूक्ष्म से जो दरारे है, गाद बह साफ हो जाए। बरस इतना तपन तन मन का मेरे शान्त हो जाए, नये रंग रुप यौवन सब निखर कर सामने आए।   दिलों पे जम गयी है गर्द जो, उसको बहा देना।…

इस महफिल में न यादों की खुशबू आती है

इस महफिल में न यादों की खुशबू आती है | Kavita

इस महफिल में न यादों की खुशबू आती है ( Is mehfil mein na yaadon ki khushboo aati hai )   ना पुराने इश्क पर चर्चा होती है। ना अब किसी की टांग खींची जाती है। ए मेरे दोस्त लगता है सब जिम्मो तले छोटी सी झपकी लेने चली जाती है। आओ ना यारों फिर…

बरसो मेघा प्यारे

बरसो मेघा प्यारे | Kavita

बरसो मेघा प्यारे ( Barso megha pyare )   तपती रही दोपहरी जेठ की आया आषाढ़ का महीना धरा तपन से रही झूलसती सबको आ रहा पसीना   कारे कजरारे बादल सारे घिर कर बरसो मेघा प्यारे क्षितिज व्योम में छा जाओ उमड़ घुमड़ कर आ जाओ   मूसलाधार गरज कर बरसो रिमझिम बरस झड़ी…

मालिक का दरबार

Hindi Ghazal -मालिक का दरबार

मालिक का दरबार ( Malik Ka Darbar )   यह सारी दुनिया ही उस मालिक का दरबार हो जाए, अगर आदमी को आदमी से सच्चा प्यार हो जाए ।   जाति-मज़हब के नाम पर और लड़ाइयाँ ना होंगी, अगर इंसानियत ही सबसे बड़ा व्यापार हो जाए ।   हरेक कामगार को मयस्सर हो उनके हक़ की रोटी, अगर मालिक-मज़दूर…

मकर संक्रांति

Hindi Poetry -मकर संक्रांति

मकर संक्रांति   चुड़ा गुड़ चीनी दही तिल का लगाओ भोग उत्तरायण का पर्व आज है मिलकर मनाओ लोग खिली धूप है ले बच्चों को किसी मैदान में जाएं ठंडी ठंडी हवा के झोकों संग खुलकर पतंग उड़ाएं। सूरज की तीखी किरणों से तन मन को नहलाएं सर्दी के भय को मन से निकाल लाएं…

Aankhen Unki Hai Maikhane

Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने

आँखें उनकी है मयखाने ( Aankhen Unki Hai Mainkhane )     आँखें उनकी है मयखाने। ओठ लगे जैसे पैमाने।।   गालों की रंगत है ऐसी। लाल -गुलाबी रँग मस्ताने।।   थाम दिलों को रह जाते है। जब लगते जुल्फ़े बिखराने।।   ढांप कभी आंचल से सर को। लगते मन ही मन शर्माने।।   घायल…