ग़म के साये में पल रही दिल्ली

ग़म के साये में पल रही दिल्ली

ग़म के साये में पल रही दिल्ली   ग़म के साये में पल रही दिल्ली हाल पे अपनें रो उठी दिल्ली   हर तरफ़ देखो आग के शोले है दुश्मन से कब  सुरक्षित रही दिल्ली   प्यार की बारिशें नही होती नफ़रतों में हर पल  जली दिल्ली   क्या ख़ुशी से अब मुस्कुरायेगी हर चेहरे…

घूंघट

घूंघट

घूंघट सतरंगी रश्मियों सा आकाश होगा। घूंघट का पट खुलेगा तो प्रकाश होगा।। मीन जल के बीच करत कलोल जो है, नैन के गोलक अमोलक लोल जो हैं, कनक कामिनि अचिद मिथ्याभास होगा।। घूंघट ० सप्तफेरी हुयी तब घूंघट मिली है, कितने झंझावात आये न हिली है, घूंघट के पट झीन न कर नाश होगा।।…

बड़े मामले में विफल होती सीबीआई!

बड़े मामले में विफल होती सीबीआई!

बड़े मामले में विफल होती सीबीआई! ****** हाईप्रोफाइल मामलों में विफल होती सीबीआई, यह बात कुछ हजम नहीं होती भाई ! बोफोर्स तोप घोटाला, 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला। कर्नाटक खनन घोटाला- जिसमें मुख्यमंत्री येदियुरप्पा थे अभियुक्त, या आरूषि हत्याकांड जिसमें सीबीआई थी नियुक्त; जांच नहीं कर पायी युक्तियुक्त। मस्जिद ढ़ांचा विध्वंस मामले में भी- सीबीआई…

मौसम गर्मी का

मौसम गर्मी का

?मौसम गर्मी का ?   अब तो तैयारी कर लो मौसम है आया गर्मी का। देखो त्याग कर दिया है इस धूप ने भी नर्मी का।।   कहां बूंद शबनमी के वो मंज़र सुहाने कोहरे के! ना ही सर्द वो हवाएं ना नामो-निशां नमी का।।   मंजर हुए सुनहरे खेतों तालाबों झील के। ज्यूं श्रृंगार…

शान तिरंगे की

शान तिरंगे की | Tiranga par kavita

शान तिरंगे की ( Shaan tiranga ki )     सबसे ऊंची आज जगत् में शान तिरंगे की । वर्षों बाद लौटी है पहचान तिरंगे की।।   अब बीच खङी ये नफ़रत की दीवार गिरने दो। अमन पैग़ाम है इसका समझो जुबान तिरंगे की।।   तलवारें वहशत की लेकर ना काटो डोर उलफत की। सलामत…

15 अगस्त (कविता)

15 अगस्त (कविता) | Hindi poem 15 August

15 अगस्त (कविता) ( Poem 15 August )   आज 15 अगस्त है। उत्साह जबरदस्त है।।   आओ यशोगान करें ऊंची इसकी शान करें। देशप्रेम पर कुछ कहने का आज सही वक्त है।।   गौरवशाली देश हमारा शहीदों की आंखों का तारा। श्रवण रामचंद्रजी जैसे कहां पितृभक्त है!   दो  पलकों में दुनिया डोली स्वर्ग-नरक …

मां

मां

मां   मां एक अनबूझ पहेली है, मां सबकी सच्ची सहेली है, परिवार में रहती अकेली है, गृहस्थी का गुरुतर भार ले ली है। ऐ मां पहले बेटी,फिर धर्मपत्नी, बाद में मां कहलाती हो। पहली पाठशाला,पहली सेविका तूं घर की मालकिन कहलाती हो।। बुआ,बहन,मामी,मौसी कहलाये, माता,दादी,नानी नाम बुलवाये, परिवार की जन्म दात्री नाम सुहाये, अबला,सबला,…

उसका मुकद्दर यू रूठ गया

उसका मुकद्दर यू रूठ गया

उसका मुकद्दर यू रूठ गया 1. उसका मुकद्दर यू रूठ गया , बकरा कसाई हाथ लग गया। 2. वो दिल में आ बत्तियां बुझा नभाक कर गया, कोई जुगनू पकड़ दामन फिर उजाला कर गया। 3. तुम अच्छे हो अच्छे रहो, हम बुरे हैं बुरे ही सही, देख लेते जो अच्छी नजर से बुरे हम…

पुत्री और शराबी पिता

पुत्री और शराबी पिता

पुत्री और शराबी पिता   पापा मेरी किताब , मेरे अरमान है,  मेरी खुशी है, मेरा भविष्य है,          सब बेच मेरी खुशियों का          शराब पी गए,   पापा मां का मंगलसूत्र सुहाग है मांग का सिंदूर है,      सब बेच उनके अरमानों का      …

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं   राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं। मुश्किलें देख कर सर झुकाना नहीं।।   कामयाबी मिले जो ना फिर भी कभी। अश्क कोई कभी तुम बहाना नहीं।।   कुछ असंभव नहीं है जहां में यहां। याद रखना कभी भूल जाना नहीं।।   बाजुओं का भरोसा…