मधु

मधु | Madhu par kavita

 मधु  ( Madhu )    शहद बडी गुणकारी…..|| 1.शहद बडी गुणकारी, रहतीं दूर अनेक बिमारी | अमृत सा गाढा मीठा द्रव्य, कुदरत की कलाकारी | मधु की रचना मक्खी करती, फूलों से रस लेकर | फूलों को खुश कर देतीं हैं, मीठी सी बातें कहकर |  शहद बडी गुणकारी…..|| 2.शहद से निकले छत्ते को, मोम…

क्यों मौत लिख कर कलम तक तोड़ दिया जाता है

क्यों मौत लिख कर कलम तक तोड़ दिया जाता है | Ghazal

क्यों मौत लिख कर कलम तक तोड़ दिया जाता है ( Kyon maut likh kar kalam tak tod diya jaata hai )   ज़िन्दगी का सफर क्या सिर्फ मौत तक है वर्ना क्यों मौत लिख कर कलम तक तोड़ दिया जाता है   हम दीवाने को नज़र से ही लूट लिया जाता है जो बात…

गुजारिश आपसे

गुजारिश आपसे | Ghazal guzarish aap se

 गुजारिश आपसे ( Guzarish aap se )   गुजारिश आपसे, मेरे ख्याल को सराह दिया जाए अपने दिल में इस ग़ैर मुस्तहिक़ को पनाह दिया जाए   ये बात नहीं आसान इतनी दिकत के लिए जो हो हमें सजा दिया जाए   क्या पसंदीदा और क्या ना-पसंदीदा अल्फ़ाज़ को बस अल्फ़ाज़ की दर्ज़ा दिया जाए…

रॉंग नंबर

रॉंग नंबर (PART-4 ) | Wrong number Hindi kahani

रॉंग नंबर (PART-4 ) # अगले_दिन_शाम_को                   ★★★ हम टहलने आये थे।कल की यात्रा ने हमे थका दिया था। वह लड़की और उसका नम्बर हमे अब भी याद था यद्यपि नम्बर मिलने के चांस न के ही बराबर थे तब भी हमने try किया।रवी मेरे फोन से…

बातें रायेगानी हो रही है

बातें रायेगानी हो रही है | Baaten rayegani ho rahi hai

बातें रायेगानी हो रही है ( Baaten rayegani ho rahi hai )   में उसके क़ुरबत में और ज़माने मुझसे दूर हो रही है   जहाँ से दुनिया फ़ना होती है वहाँ से मेरी कहानी सुरु होती है   सारे जहां में वस्वसे उड़ रही है शम्स की तलब में देखो लोग किस क़दर बौखला…

वो-सनम्

वो-सनम् | Poem O – Sanam

 वो-सनम्  ( O Sanam )    क्या ? आज भी तुम “वही”हो || 1.एक वक्त था ना तुम मुझे जानते थे,ना मै तुम्हें जनता था | फिर दोनो की उम्र कि जरूरत थी,वक्त का भी फैसला था | न मैने तुम्हें देखा न तुमने मुझे देखा,सिलसिला शुरू हुआ | दिली चाहत थी न कोई सवाल,बातों…

सुनहरी यादें

सुनहरी यादें | Kavita sunheri yaadein

सुनहरी यादें ( sunheri yaadein )   तुमसे मिले थे पहली दफा याद है अब भी मुझे वो तुम्हारी सुनहरी यादें।   भुलाई नहीं जा रही है अब भी दिल से वो सुनहरी यादें जब हम ने बहुत अरमान अपने दिल में संजोए थे सोचा था, मिलेंगे जब भी हम चाहेंगे टूट कर एक-दूसरे को।…

प्रथम-गुरू

प्रथम-गुरू | Pratham guru kavita

“प्रथम-गुरू” ( Pratham guru )   गुरु है ब्रम्हा-गुरु है विष्णु, गुरु हैं मेरे महेश्वरा प्रथम गुरु मेरे मात-पिता, दिया जनम दिया आसरा उनके जैसा धरती में क्या, नहीं अम्बर में भी दूसरा पाल-पोस कर बड़ा किया, नहीं होने दी कमी कोई प्यार नहीं कोई उनके जैसा, न ही मिलावट है कोई गुरु है ब्रम्हा,गुरु…

आओ माँ

आओ माँ | Aao maa kavita

 ” आओ माँ ”  ( Aao Maa )   –> आओ मेरी जगत्-जननी माँ…….|| 1.आओ मेरी जगदानन्दी, मेरे घर आंगन में | स्वागत है अभिनन्दन है, मेरे घर आंगन में | नौ दिन नौ रुप में आना, मेरे घर आंगन में | ममता की नजरें फैलाना, मेरे घर आंगन में | –> आओ मेरी जगत्-जननी…

बोझिल सांसें

बोझिल सांसें | Bojhil saansein ghazal

 बोझिल सांसें  ( Bojhil saansein )   ❣️ रोज़ निकली दिल से ही आहें बहुत आजकल बोझिल रहती सांसें बहुत ❣️ ढूंढ़ता ही मैं रहा राहें वफ़ा बेवफ़ा मिलती रही राहें बहुत ❣️ जख़्म कुछ ऐसे मिले अपनों से है रोज़ अश्कों में भीगी आंखें बहुत ❣️ प्यार की बातें नहीं वो करते है अपने…