भूल जा यादें उसी की | Ghazal
भूल जा यादें उसी की ( Bhool ja yaadein usi ki ) भूल जा यादें उसी की आंख भर आंसू नहीं बेवफ़ा को याद मत कर और दिल से तू नहीं तू ही आए हर तरफ़ मुझको नज़र हर चेहरे में कर निगाहों से सनम मुझपे ऐसे जादू नहीं कह रहा…
भूल जा यादें उसी की ( Bhool ja yaadein usi ki ) भूल जा यादें उसी की आंख भर आंसू नहीं बेवफ़ा को याद मत कर और दिल से तू नहीं तू ही आए हर तरफ़ मुझको नज़र हर चेहरे में कर निगाहों से सनम मुझपे ऐसे जादू नहीं कह रहा…
उठ रही ख़ुशबू फ़ूलों से ख़ूब है ( Uth rahi khushboo phoolon se khoob hai ) उठ रही ख़ुशबू फ़ूलों से ख़ूब है बस रहा कोई सांसों में ख़ूब है देखते है कर लिए उसपे यकीं धोखा उसके हर वादों में ख़ूब है किस तरह मिलनें उसी से मैं जाऊं हाँ लगा…
आँखों का पैमाना ( Aankhon ka paimana ) है उसकी नजर मीठा जहर तो है दवा मैखाना । नजर से होश खो जाये, तो वापिस जाम से आना ।। हुआ बीमार जब मैकश,जुड़ गये झूमकर मैकश । हुआ बीमार जब बाइज, हुआ घर उससे बेगाना ।। हमारे इश्क के सौदे में, तुम…
वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया ( Wo pyas mohabbat ki bujhane nahin aaya ) वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया आँखों से आँखों भी तो मिलाने नहीं आया वो तीर नफ़रत के छोड़े है वो बहुत मुझपे वो खीर मुहब्बत की खिलाने नहीं आया आँखों में दिए आँसू…
उनकी समझ में थे बहुत से ( Unki samajh mein the bahut se ) उनकी समझ में थे बहुत से दोस्त और यार अब गिन रहे कितने बचे हैं और गमगुसार !! कासिद ने खत के साथ ही मजमून भी दिया जैसे कि म्यान से अलग से दे कोई कटार !! उस …
कट रहा है ग़म में जिंदगी का सफ़र! ( Kat raha hai gam mein zindagi ka safar ) कट रहा है ग़म में जिंदगी का सफ़र! एक पल भी मिला कब ख़ुशी का सफ़र चाहकर भी नहीं जीस्त में हो पाता बस गया जीस्त में बेबसी का सफ़र जिंदगी में यारों…
बेमोल ही जो न बिके होते ( Bemol hi jo na bike hote ) बेमोल ही जो न बिके होते , हम महोब्बत में तुम्हारी और ही तरजीह मिली होती , शायद हमें नज़रों में तुम्हारी दिल की शाख पर खिला था जो इक फूल कभी रंग-ए-लहू तो था हमारा , मगर खुश्बू लिये…
मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा ( Mat hona tu kabhi bhi juda sahiba ) मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा ! तू मेरे साथ रहना सदा साहिबा तू नहीं करना मुझसे दग़ा प्यार में जिंदगी भर निभाना वफ़ा साहिबा बेवफ़ाई से भरना नहीं दिल कभी उम्रभर रहना तू…
ख़्वाब में आकर सताये ख़ूब कोई ( Khwab mein aakar sataye khoob koi ) ख़्वाब में आकर सताये ख़ूब कोई नीद से इतना जगाये ख़ूब कोई नफ़रत की सुनली जुबां मैंनें बहुत है गीत उल्फ़त के सुनाये ख़ूब कोई प्यासा हूँ मैं तो मुहब्बत का बरसो से प्यास उल्फ़त की बुझाये…
आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर ( Aa gulistan mein milne ko aaj too fir ) आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर आ करे दोनों उल्फ़त की गुफ़्तगू फ़िर प्यार की नजरें निहारुं आज तुझको आ बैठे इक दूसरे के रु -ब -रु फ़िर ये निगाहों पे असर…