Dhanvantari jayanti kavita

धन्वंतरि जयंती | Dhanvantari jayanti kavita

धन्वंतरि जयंती ( Dhanvantari jayanti )   आरोग्य ओज मेघा शक्ति का  आयुर्वेद रखवाला है धनवंतरी की देन है स्वदेशी जड़ी-बूटी खजाना है कब्ज गैस बदहजमी का  रामबाण इलाज करें तेज बल पौरूष चाहो तो च्यवन ऋषि को याद करें संत सूरों से भरी वसुंधरा औषध सब उपचार करें आयुर्वेद उत्तम चिकित्सा चरक संहिता ध्यान…

जिंदगी को महकाना

जिंदगी को महकाना | Tyohar Par Kavita

जिंदगी को महकाना ( Zindagi ko mehkana )   त्योहारों के दिन आते ही गरीब की मुश्किलें बढ़ती जाती है अच्छे कपड़े,अच्छे भोजन नाना प्रकार के सामग्रियों की जरूरत गरीब की कमर तोड़ देती है अभावग्रस्त जीवन चूल्हे की बुझी राख भूख और बेचारगी से बिलखते बच्चे हताशा और निराशा के अंधेरे में तड़फता बिलबिलाता…

Bhaichara kavita

प्यार के मीठे बोल | Bhaichara kavita

प्यार के मीठे बोल ( Pyar ke meethe bol )     जो हो अजीज खास उनका स्वागत कीजिए दिल खोल खुशियां बांटो प्यार का तोहफा दीजिए   महक उठे मन का कोना सबको खुशियां दीजिए प्यार की खुशबू महकेगी हर पल महसूस कीजिए   चार दिन की जिंदगी पल पल को जी लीजिए हंसी…

सत्कार

सत्कार | Satkar kavita

सत्कार ( Satkar )   आन मान मर्यादा का सत्कार कीजिए जो बने नींव के प्रस्तर आभार दीजिए   माता-पिता गुरु की सेवा सत्कार कीजिए आशीषो से झोली भर खूब प्यार दीजिए   कोई अतिथि आए आदर सबको भाये बढ़कर  बड़े  प्रेम  से सत्कार कीजिए   दीन हीन रोगी कोई वक्त का मारा हो गले …

Pagdandi Hindi kavita

पगडंडी | Hindi kavita

पगडंडी ( Pagdandi )   पगडंडी वो रस्ता है, जो मंजिल को ले जाती है। उबड़ खाबड़ हो भले, मन को सुकून दिलाती है।   शहरों की सड़कों से ज्यादा, प्यारी लगे पगडंडी। प्रदूषण का नाम नहीं है, बहती हवा ठंडी ठंडी।   पगडंडी पर प्रेम बरसता, सद्भावो की धारा भी। हरी भरी हरियाली से,…

सौभाग्य का व्रत

सौभाग्य का व्रत | Kavita

सौभाग्य का व्रत ( Saubhagya ka vrat )   धन्य है हमारी आदिशक्ति भारत की नारी तन मन प्राण से व्रत का पालन करती सारी   कभी नही कहती वो अपने मन की अभिलाषा सुख,वैभव,यश,शांति,आरोग्य की करती आशा   हे अर्धांगिनी अमरत्व मिले जगती तल में तुमको साक्षात श्री सौभाग्यशाली हो बनाती तुम सबको  …

Jatayu raj kavita

जटायु राज | Kavita

जटायु राज ( Jatayu raj )   रावण मारीच को संग ले पंचवटी में जाता है मायावी बाबाजी बनकर सीता हर के लाता है   कोई प्राण बचा लो मेरे मेरी करूण पुकार सुनो आकर रक्षा करो हमारी धरा गगन जहान सुनो   स्वर सुन सीता माता का पक्षी राज जटायु आया रे दुष्ट क्या…

रण में केशव आ जाओ

रण में केशव आ जाओ | Kavita

रण में केशव आ जाओ ( Ran mein keshav aa jao )   चक्र सुदर्शन धारण करके अब रण में केशब आ जाओ जग सारा लड़ रहा अरि से विजय पताका जग फहरावो   साहस संबल भरके उर में जन जन का कल्याण करो सब  को  जीवन  देने वाले माधव  सबके  कष्ट  हरो   हर…

ओस की बूंदे

ओस की बूंदे | Kavita

ओस की बूंदे ( Os ki boonde : Kavita )   सोनू!मेरी जिंदगी हो तुम वर्षों की मेरी तलाश हो तुम बारिश की बूंदों में तुम हो कुदरत की करिश्मा हो तुम खुशी की आँसू हो तुम तिनकों में चमकती ओस की बूंदे हो तुम मनकों में दमकती हीर हो तुम फूलों की परागकण हो…

देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे

देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे | Kavita

देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे ( Dekho aaj Ram ban kitne ravan nikalenge )   देखो ,आज राम बन कितने रावण निकलेंगे जलाने इक काग़ज़ के बने उस रावण को   अब तो रावण भी राम नाम लेते अपनी सोने की लंका बचाने को   वो  इक  गुनाह  के  पीछे  दसों  सिर  गवा …