कुछ जाने अनजाने रिश्ते

कुछ जाने अनजाने रिश्ते | Kavita

कुछ जाने अनजाने रिश्ते ( Kuch jaane anjaane rishte )   कुछ जाने अनजाने रिश्ते, कुछ दिल से पहचाने रिश्ते। कुछ कुदरत ने हमें दिया है, कुछ हमको निभाने रिश्ते।   रिश्तो की पावन डगर पर, संभल संभल कर चलना है। सदा लुटाना प्यार के मोती, संस्कारों में हमें ढलना है।   माता पिता गुरु…

Odh Ke Dhani Chunariya

ओढ़कर धानी चुनरिया | Thesahitya Special

ओढ़कर धानी चुनरिया ( Odh Ke Dhani Chunariya )   ओढ़कर  धानी  चुनरिया, धरा यू हरसा रही। काली घटाएं नीले अंबर, व्योम घिरकर छा रही।   आ गया सावन सुहाना, गीत कोयल गा रही। वन उपवन पर्वत नदियां, भावन घटायें छा रही।   मादक सरितायें बहती, सागर मिलन को जा रही। बलखाती सी बहती धारा,…

शब्द

शब्द | Hindi Poetry

शब्द ( Shabd )   मेरे शब्दों की दुनिया में, आओं कभी। स्वर में कविता मेरी, गुनगुनाओ कभी। बात दिल की सभी को बता दो अभी।   मेरे शब्दों की दुनिया में…….. ये जो  रचना  मेरी  देगी  जीवन तभी। लय में सुर ताल रिद्धम में बाँधो कभी। अपने भावों को इसमें मिलाओ कभी।   मेरे…

तुम मेरे हो

तुम मेरे हो | Geet

तुम मेरे हो ( Tum mere ho )   तुम मेरे हो तुम मेरे हो, सुंदर शाम सवेरे हो। जीवन की बगिया में तुम, खिलते फूल घनेरे हो।   मुस्कानों से मोती झरते, प्रेम उमड़ता सागर सा। महक जाता दिल का कोना, प्रेम भरी इक गागर सा।   मधुबन मन का खिलता जाता, प्रियतम तुम…

गुरु शिष्य का भाग्य संवारते

गुरु शिष्य का भाग्य संवारते | Kavita

गुरु शिष्य का भाग्य संवारते ( Guru shishya ka bhagya sanwarte )   किस्मत का ताला खुल जाता, गुरु शिष्य का भाग्य विधाता। ज्ञान ज्योति जगा घट घट में, अंतर्मन उजियारा लाता।   शिल्पकार मानव निर्माता, शत शत वंदन हे गुण दाता। बुरे मार्ग से हमें बचाओ, प्रगति का मार्ग दिखलाओ।   गढ़कर नित नये…

तुम्हे चाहा अधिक सारे जहां से

तुम्हे चाहा अधिक सारे जहां से | Kavita

तुम्हे चाहा अधिक सारे जहां से ( Tumhe chaha adhik sare jahan se )   तुम्हे चाहा अधिक सारे जहां से। मुकद्दर मैं मगर लाऊ कहां से।। ऐ  मेरी  जाने  गजल  तू  ही  बता, कौन हंसकर हुआ रूखसत यहां से।। किसी भी चीज पे गुरुर न कर, हाथ खाली ही आया है वहां से।। मैं …

Jal Bin

जल बिन | Kavita

जल बिन ( Jal Bin )   इकदिन समंदर भी सूख जाएगा व्यर्थ पानी बहाया जा रहा  घर-घर लगाकर समरसेबुल व्यर्थ पानी बहाया जा रहा    जहां थी जरूरत सभी को इक गिलास पानी की वहां चलाकर समरसेबुल व्यर्थ पानी बहाया जा रहा   पानी का कीमत इक दिन जाकर मैं मछलियों से पूछा, वो…

शटर उठा दो

शटर उठा दो | Kavita

शटर उठा दो ( Shatar utha do )   मेरे ख्याल रूपी ब्रेड पे बटर लगा दो। दिल का बन्द है दुकान तुम शटर उठा दो।   मिला के नयन नयनों से यू आँखे चार कर लो। पनीर तल के रखा है कि तुम मटर मिला दो।   पुलाव बन रही ख्यालों में थाली लगा…

पुत्री की वेदना शराबी पिता से

पुत्री की वेदना शराबी पिता से | Kavita

पुत्री की वेदना शराबी पिता से ( Putri ki vedna sharabi pita se )   पापा मेरी किताब , मेरे अरमान है,  मेरी खुशी है, मेरा भविष्य है,          सब बेच मेरी खुशियों का          शराब पी गए, पापा मां का मंगलसूत्र सुहाग है मांग का सिंदूर है,      सब बेच उनके अरमानों का       …

संसय

संसय | Kavita

संसय ( Sansay )   मन को बाँध दो दाता मेरे,मेरा मन चंचल हो जाता है। ज्ञान ध्यान से भटक रहा मन,मोह जाल मे फंस जाता है।   साध्य असाध्य हो रहा ऐसे, मुझे प्रेम विवश कर देता है। बचना चाहूं मैं माया से पर, वो मुझे खींच के ले जाता है।   वश में…