बजट -2021

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -बजट -2021

बजट -2021 ( Budget -2021 )   देश की परंम्परा निभाने का दिन आया  है अपने  देश  ने  वार्षिक  बजट दिखाया है   महिला मजदूर उद्योगपतियों कृषको  सभी के लिए चुनौति बन कर आया है     सीतारमण ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है नौकरीपेशा  को  थोड़ी राहत दिलवाई है   सरकारी गैरसरकारी सब के लिए…

भाग्यहीन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -भाग्यहीन

भाग्यहीन ( Bhaagyaheen )   कहाँ  गए  रणछोड  द्रौपदी, पर  विपदा अब भारी है। रजस्वला तन खुले केश संग,विपद में द्रुपद कुमारी है।   पूर्व जन्म की इन्द्राणी अब, श्रापित सी महारानी है। पांच महारथियों की भार्या, धृत की जीती बाजी है।   हे केशव हे माधव सुन लो, भय भव लीन बेचारी है। नामर्दो…

पहेली

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -पहेली

पहेली ( Paheli)   जय विजय के बीच मे लो, मै पराजित हो गया। सामने मंजिल थी मेरी , पर मै थक के सो गया।   अपनो पे विश्वास कर मै खुद ही खुद से ठग गया। आँख जब मेरी खुली तब तक, लवारिस हो गया।   छोड करके जा चुके थे जो मेरे अपने…

पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?

Hindi Poetry On Life -पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?

पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी? ( Patrakar Ki Giraftari Par Apno Ki Chuppi ) ************ बोल नहीं जुटेंगे उनके बड़ा झोल है मन में उनके संरक्षण में पलने वाले मौका खोजते कब भड़ास निकालें? बारी जब विपक्ष की हो! सत्ता पक्ष आते ही, कैसे छिपा लें? कैसे दबा दें? नमक का कर्ज जल्द…

सास बनने का जुनून

Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -सास बनने का जुनून

सास बनने का जुनून ( Saas Banne Ka Junoon )   मेरे  पतझड  में  फूल  खिल  आया आज सुबह ही बेटे के लिए रिश्ता आया   मुझे भी  सास बनने का जुनुन चढ़ आया दिल में रंग बिरंगे फूलो का बगीचा उगाया   रिश्ते वालो की खातिर तव्वजो जम के की बेटे  की  खामियाँ  तारीफ…

विष प्याला

Hindi Poetry | Hindi Kavita | Hindi Poem -विष प्याला

विष प्याला ( Vish Pyala )   क्रूर हृदय से अपनों ने, जीवन भर  दी  विष प्यालों में। जबतक आग को हवा दी तबतक,शेर जला अंगारों में। कोमल मन के भाव  सभी, धूँ  धूँकर तबतक  जले मेरे, जबतब प्रेम हृदय से जलकर,मिट ना गया मन भावों से।   ** नगमस्तक भी रहा तभी तक, जबतक…

बाजार

Hindi poem on Bazaar | Hindi Kavita -बाजार

बाजार ( Bazaar ) गहन तम में उजाले कि,क्यो मुझसे बात करते हो। अन्धेरों मे ही जब मुझसे वफा की, बात करते हो।   नही पहचान पाते हो जब मुझे, दिन के उजालों में, मोहब्बत वासना है फिर भी क्यो जज्बात कहते हो।   ये महफिल है मोहब्बत की,शंमा हर रात जलती है। सुलगते  जिस्म …

Kahe Kailoo Mai

Hindi Poetry On Life | Kavita -काहे कइलू माई एतनी बज्जर क छतिया

काहे कइलू माई एतनी बज्जर क छतिया  ( Kahe Kailoo Mai Etni Bajjar Ka Chatiya )   काहे कइलू माई एतनी बज्जर क छतिया। पेटवा में मारऽजिन गिरइ द धरतिया।।   कबहुं नाहीं धरती बोवल बीजवा के मारे। बाहर अंकुरवा करे पेंड़ बने सारे ।। जननी जीवदान तोहसे मांगे तो हरी बिटिया ।।पेटवा।।   कामकाज…

शान

Hindi Kavita | Hindi Poem | Hindi Sahitya -शान

शान ( Shaan ) ** शान   इंसान   की   होती   सबसे  बड़ी, शान वालों की शान पूरी प्रभु ने किया है।   शान समझे सिया की जनक जिस घड़ी, माने मन की महा प्रेरणा प्रण  लिया है।   चांप चटकाये जो भी जहां में यदि कोई, ब्याह कर बेटी ले जाये संग में सिया है।  …

श्याम रे

Bhakti Kavita | Hindi Kavita | Hindi Poem -श्याम रे

श्याम रे ( Shyam Re )   नाही  आये  यमुना  तट पे  श्याम रे, सुबह  बीती  दोपहरी  हुई  शाम  रे।   कहाँ छुप गए मनमोहन घनश्याम रे, मन  है बेकल  कहाँ  है श्री श्याम रे।   निरखत से नयन नीर भर भर आए रे, जैसे  घटा  में  मेघ घन  घिर  आए रे।   कारी  बदरिया …