Doha Dashak

doha dashak | -दोहा दशक | Hindi Poetry On Life | Hindi Poetry

दोहा दशक ( Doha Dashak )     किया वतन की शान से, जिसने भी खिलवाड़। मिले दंड कठोर उसे, जाये जेल तिहाड़।   कृषक जनों की भीड़ में, शामिल कुछ शैतान। कभी नहीं वो चाहते, बढ़े वतन की शान।   डायन प्रथा के विरुद्ध, लड़कर हुई महान। छुटनी देवी को मिला, पद्मश्री ससम्मान।।  …

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

Hindi Poetry -माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं ( Mana Tum Apne Ho Par Girvi Kaise Iman Rakh Doon )   माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं , बेहाया  तुम्हारे  हाथो  में कैसे हिंदुस्तान रख दूं । जलते हो तपते हो गलते हो पर मुल्क से बड़े नहीं हो,…

प्रेम दीवानी!

Hindi Ghazal | Hindi Romantic Poetry -प्रेम दीवानी!

प्रेम दीवानी! ( Prem Deewani ) ***** छलकती आंखों से वो ख्वाब दिखता है, महबूब मेरा बस लाजवाब दिखता है। पहन लिया है चूड़ी बिंदी पायल झुमका, आ जाए बस तो लगाऊं ठुमका! बैठी हूं इंतजार में, दूजा दिखता नहीं संसार में। लम्हा लम्हा वक्त बीत रहा है, जाने कहां अब तक फंसा हुआ है?…

मित्र

Hindi Poetry On Life | Hindi Poetry -मित्र

मित्र ( Mitra )   बाद वर्षो के कितने मिले हो मुझे, अब कहो साल कैसा तुम्हारा रहा।   जिन्दगी मे कहो कितने आगे बढे, जिन्दगी खुशनुमा तो तुम्हारा रहा।   मित्र तुम हो मेरे साथ बचपन का था, पर लिखा भाग्य मे साथ अपना न था।   ढूँढता  मै  रहा  हर  गली  मोड  पर,…

नारी जीवन

Nari jeevan kavita || Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -नारी जीवन

नारी जीवन ( Nari Jeevan )   पिता पति के बीच बंटी है, नारी की यह अमिट कथा। एक ने दिया जीवन है उसको, दूजे ने गतिमान किया।   पिता वो शिक्षक पाठ पढ़ा कर, नौका पर कर दिया सवार। पति वो मांझी साथ बिठाकर, जीवन नदी करा दी पार।।   कठिन डगर कांटे चुभते…

उम्मीद

Ummeed Hindi Ghazal | Hindi Poem -उम्मीद

उम्मीद ( Ummeed )     चले आओ कशक तुममे अगर, थोडी भी बाकी है। मैं  रस्ता  देखती रहती मगर, उम्मीद आधी   है।   बडा मुश्किल सा लगता है,तेरे बिन जीना अब मुझको, अगर  तुम  ना  मिले  हुंकार तो  ये, जान  जानी  है।   बनी  मै  प्रेमिका  किस्मत  में  तेरे,  और  कोई  है। मै  राधा …

भेदभाव

Hindi Poetry On Life | भेदभाव

भेदभाव ( Bhedbhav )     फर्क नही बेटे बेटी में, दोनों  ही आँखों के तारे है। इक धरती सी धीर धरा तो, दूजा गगन के तारे है।   भेद भाव हमसे ना होता, संविधान सिखलाता है। बेटी ही  बस करता रहता, बेटों को झुठलाता है।   दोनों में अन्तर.क्या बोलों,इक शक्ति तो इक शिव…

सूखी दरख्तो के साये

Ghazal | सूखी दरख्तो के साये

सूखी दरख्तो के साये ( Sookhi Darakhton Ke Saaye )     ये जो हम में तुम में कुछ प्यार बाकी है कहीं  दो दिलो  को बहलाने का बहाना तो नहीं फांसलो की अपनी भी जुबानें हुआ करती हैं तेरे मेरे करीब आने का इशारा तो नहीं   दिल जब भी धड़के, अफसाने बने ,सुना…

चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम

Hindi Ghazal -चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम

चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम   ( Chand Bulbule Jo Dekhte Ho Pani Mein Tum )   दो घडी रुककर घाव सहलाने लगे हम यूँ भी दर्द अपना भुलाने लगे तुम जो राहो में मेरी बिछाते हो शूल दामन फूलो से तुम्हारा महकाने लगे   किस्मत में था इन्तेजार वही मैं करती…

जीस्त तन्हाई की सहेली है!

Hindi Poetry On Life -जीस्त तन्हाई की सहेली है!

जीस्त तन्हाई की सहेली है! ( Jeest Tanhai Ki Saheli Hai )   जीस्त तन्हाई की सहेली है! कट रही जिंदगी अकेली है   नफ़रतों की बू कम नहीं होती देखो फ़िर भी खिली चमेली है   जो सुलझती नहीं बातें दिल की  बन गयी वो  उल्फ़त पहेली है   दोस्ती के टूटे है वो…