दोस्ती का हक अदा कर!

Dosti Ka Haq | दोस्ती का हक़ अदा कर

दोस्ती का हक अदा कर! ( Dosti Ka Haq Ada Kar )     दोस्ती का हक अदा कर! इतनी दिल से तू वफ़ा कर   दिल से रिश्ता तू निभालें दिल न अपना बेवफ़ा कर   दें वफ़ा तू जिंदगी भर यूं न उल्फ़त में जफ़ा कर   साथ बनकर हम सफ़र चल हर…

हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में

Ghazal | हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में

हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में ( Hamesha hi Rahe Ham To Bure Unke Nigahon Mein )     हमेशा  ही  रहे  हम तो बुरे उनकी निगाहों में। गुनहगारों में की गिनती रहे जब बेगुनाहों में।।   बिना सोचे बिना समझे कई इल्ज़ाम दे डाले। जिगर का दर्द पढ़ पाए नहीं वो…

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

Ghazal | दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है ( Dilon Ke Tootne Ki Jab Kabhi Shuruaat Hoti Hai )   दिलों  के  टूटने  की  जब  कभी शुरुआत होती है। कहो कब चैन मिलता है तङफ दिन-रात होती है।।   बहुत  मजबूत  होते  हैं  ग़मों को झेलने वाले। कभी भी उनकी आंखों से नहीं बरसात…

अपनों ने गम से ही भरा जीवन

Sad Ghazal | अपनों ने गम से ही भरा जीवन

अपनों ने गम से ही भरा जीवन ( Apno Ne Gham Se Hi Bhara Jeevan )     अपनों ने ग़म से ही भरा जीवन लूटकर सुख ऐसा किया जीवन   आंसू ग़म इतने है मिले मुझको हाँ  ख़ुशी  के लिए जला जीवन   तोड़कर  प्यार  की  दीवारे  वो ग़म भरा मेरा कर गया जीवन…

हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है

Ghazal | हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है

हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है ( Han Wafa Ka Jise Likha Khat Hai )   हां वफ़ा का जिसे लिखा ख़त है ! दें  गया  वो  मुझे  बेवफ़ा ख़त है   शहर  जाकर  भुला  मुझे  ऐसा फ़िर कभी भी नहीं लिखा ख़त है   वो  न  देता  जवाब  कोई  भी की लिखा प्यार…

जिंदगी में खुशी नहीं आती

Ghazal | जिंदगी में खुशी नहीं आती

जिंदगी में खुशी नहीं आती   ( Zindagi Mein Khushi Nahi Aati )   जिंदगी  में  खुशी नहीं आती हाँ  ऐसी आशिक़ी नहीं आती   आबरु लुट जाए अगर जो ये लौटकर वो  कभी नहीं आती   लुट जाते है जो प्यार में यारों उन  लबो पे हंसी नहीं आती   जब अधेरे घेरे है…

तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है

Ghazal | तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है

तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है ( Tujhse Mukhphi Karte Hue Bhi Dar Lagta Hai )   तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है सोज़-ए-दीवानगी क्यों मुझे खर लगता है   जहाँ देखो वहीँ बैठ जाता हूँ नाजाने क्यों देखने में तो यह अपना ही घर लगता है   बे-सब्र  बचाए  जा …

मिटाया तेरा नाम दिल और दर से

Ghazal || मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से

मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से (Mita Jab  Tera Naam Is Dil Ke Dar Se)     मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से। हटा बौझ- सा कुछ कोई जैसे सर से।।   हुई हम को नफ़रत शकल से बहुत ही। गिरे  जब  से  हो तुम हमारी नज़र से।।  …

गए छोड कर वो हमें एक पल में

Ghazal गए छोड कर वो हमें एक पल में

गए छोड कर वो हमें एक पल में ( Gae Chhod Kar Wo Hame Ek Pal Mein )   गए  छोड  कर  वो  हमें  एक  पल में।। लुटा दिल का गुलशन बहारे-चमन में।।   बनाए  सभी  ख़ास  जग  में खुदा ने। है खो जाती पहचान सारी नकल में।।   उसे  छोड़  दो  हाल  पे  तुम …

Ghazal कलेजा चीरने वाले बहुत हथियार दुनिया में

Ghazal नहीं तिरछी नज़र जैसा कोई भी वार दुनिया में

नहीं तिरछी नज़र जैसा कोई भी वार दुनिया में ( Nahi Tirchi Nazar Jaisa Koi Bhi War Duniya me )   कलेजा  चीरने  वाले  बहुत  हथियार  दुनिया में। नहीं तिरछी नज़र जैसा कोई भी वार दुनिया में।।   चलन सबका यहां उल्टा मिलेगा तुम अगर देखो। गुलों  को  पूजने  वाले  बिछाते  ख़ार दुनिया में।।  …