Hindi Poetry On Life | Hindi Ghazal -सजा
सजा ( Saza ) मेरी गलतियों की मुझको सजा दे गया, बेवफा था मुझे वो दगा दे गया। क्या बताए हमें क्या सजा दे गया, मेरी खुशियों के सपने जला के गया। आइने सा ये दिल तोड कर चल दिया, इतने टुकडे किये कि मैं गिन ना सका। …
सजा ( Saza ) मेरी गलतियों की मुझको सजा दे गया, बेवफा था मुझे वो दगा दे गया। क्या बताए हमें क्या सजा दे गया, मेरी खुशियों के सपने जला के गया। आइने सा ये दिल तोड कर चल दिया, इतने टुकडे किये कि मैं गिन ना सका। …
है मुहब्बत जिंदगी की ये रवानी ( Hai Muhabbat Jindagi Ki Ye Rawani ) है मुहब्बत जिंदगी की ये रवानी छोड़ दें तू दुश्मनी की ये रवानी प्यार की बातें करे मेरे सनम का छोड़ तू नाराज़गी की ये रवानी क्या मिलेगा यूं ख़फ़ा होकर सनम यूं भर ले दिल…
सास बनने का जुनून ( Saas Banne Ka Junoon ) मेरे पतझड में फूल खिल आया आज सुबह ही बेटे के लिए रिश्ता आया मुझे भी सास बनने का जुनुन चढ़ आया दिल में रंग बिरंगे फूलो का बगीचा उगाया रिश्ते वालो की खातिर तव्वजो जम के की बेटे की खामियाँ तारीफ…
आज के हालात ( Aaj Ke Halat ) ****** मिलावट का धंधा देखो यार कितना फल-फूल रहा है? अपराधी भी सहज ढ़ंग से अब समाज में घुल रहा है थर-थर थर थर कांपे पड़ोसी डर के मारे नहीं कोई कुछ बोल रहा है। मिलावट का धंधा देखो यार कितना फल-फूल रहा है? नेता अफसर…
मिलेंगे दर्द दुनिया से बचोगे तुम भला कब तक ( Milenge Dard Duniya Se Bachoge Tum Bhala Kab Tak ) मिलेंगे दर्द दुनिया से बचोगे तुम भला कब तक। यहां अपने-पराये सब चुनोगे तुम भला कब तक।। गए तन्हा तुझे जो छोङ कर मत आस कर उनकी। ग़मों से वास्ता रखना डरोगे …
आस्था (Aastha ) था जो विश्वास मेरा वो टूटा नही, आज भी आस्था मेरी तुम पे ही है। राह मुश्किल भरें मेरे है तो मगर, जीत की आरजू मेरी तुम से ही है। क्या कहूँ क्या लिखू तुमसे न है छुपा, शेर की भावना तुमसे ही है बँधा। ठोकरों से उठेगा…
कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं ( kuch Baten Darpan Se Bhi Kar Loon ) कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं शायद ख़ुद के होने का एहसास हो जाए। समेटकर केश को जरा बांध लूं स्त्री के मर्यादाओं का आभास हो जाए। मुद्दत हो गए निहारे ख़ुद…
श्याम रे ( Shyam Re ) नाही आये यमुना तट पे श्याम रे, सुबह बीती दोपहरी हुई शाम रे। कहाँ छुप गए मनमोहन घनश्याम रे, मन है बेकल कहाँ है श्री श्याम रे। निरखत से नयन नीर भर भर आए रे, जैसे घटा में मेघ घन घिर आए रे। कारी बदरिया …
दिल तोड़ कर दिल लगाना बुरा है ( Dil Tod Kar Dil lagana Bura Hai ) दिल तोड़ कर दिल लगाना बुरा है! नज़र से नज़र फिर मिलाना बुरा है!! रखी हुई चीज़ कोई उठाना बुरा है! अमानत किसी की ले आना बुरा है! वक़्त की नज़ाकत है फासले रक्खो,…
जीस्त तन्हाई की सहेली है! ( Jeest Tanhai Ki Saheli Hai ) जीस्त तन्हाई की सहेली है! कट रही जिंदगी अकेली है नफ़रतों की बू कम नहीं होती देखो फ़िर भी खिली चमेली है जो सुलझती नहीं बातें दिल की बन गयी वो उल्फ़त पहेली है दोस्ती के टूटे है वो…