कुछ जाने अनजाने रिश्ते

कुछ जाने अनजाने रिश्ते | Kavita

कुछ जाने अनजाने रिश्ते ( Kuch jaane anjaane rishte )   कुछ जाने अनजाने रिश्ते, कुछ दिल से पहचाने रिश्ते। कुछ कुदरत ने हमें दिया है, कुछ हमको निभाने रिश्ते।   रिश्तो की पावन डगर पर, संभल संभल कर चलना है। सदा लुटाना प्यार के मोती, संस्कारों में हमें ढलना है।   माता पिता गुरु…

देर तक प्यार की गुफ्तगू खूब की

देर तक प्यार की गुफ्तगू खूब की | Ghazal

देर तक प्यार की गुफ्तगू खूब की ( Der tak pyar ki guftagu khoob ki )   देर तक प्यार की गुफ़्तगू ख़ूब की उसने सूरत मेरे रू-ब-रू ख़ूब की   ख़ा गया हूँ दग़ा उसकी इस बात से प्यार की उसने बातें शुरु ख़ूब की   दोस्ती जब से तेरी मेरी हो गयी लोगों…

Odh Ke Dhani Chunariya

ओढ़कर धानी चुनरिया | Thesahitya Special

ओढ़कर धानी चुनरिया ( Odh Ke Dhani Chunariya )   ओढ़कर  धानी  चुनरिया, धरा यू हरसा रही। काली घटाएं नीले अंबर, व्योम घिरकर छा रही।   आ गया सावन सुहाना, गीत कोयल गा रही। वन उपवन पर्वत नदियां, भावन घटायें छा रही।   मादक सरितायें बहती, सागर मिलन को जा रही। बलखाती सी बहती धारा,…

किन सोचो में गुम हो फ़ैसल

किन सोचो में गुम हो फ़ैसल | Ghazal

किन सोचो में गुम हो फ़ैसल ( Kin sochon mein gum ho faisal )     किन सोचो में गुम हो फ़ैसल! इतने क्यूँ गुमसुम हो फ़ैसल   औरो की  गलती भी क्या  है गुनहगार तो तुम हो फ़ैसल   झूम उठे जो मन का सावन बारिश वो रिमझिम हो फ़ैसल   बाहर निकलें मेरा…

प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर निबंध

Essay In Hindi | प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर निबंध

प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर निबंध ( Natural disaster management: Essay In Hindi ) जो प्रकृति कुपित हो जाती है तो उसके आगे मनुष्य की नहीं चलती है। सब प्रकृति द्वारा ऐसा महाविनाश का तांडव शुरू होता है कि मानवता कराह उठती है प्रकृति को पहले जैसे कहा जाते हैं जिसके आगे इंसान विवश हो जाता…

सुदामा

सुदामा | Kavita

सुदामा ( Sudama )   त्रिभुवनपति के दृगन में जल छा गया है। क्या कहा ! मेरा सुदामा आ गया है।। अवन्तिका उज्जयिनी शिप्रा महाकालेश्वर की माया, काशी वासी गुरु संदीपन ने यहां गुरुकुल बनाया। मथुरा से श्रीकृष्ण दाऊ प्रभास से सुदामा आये, गुरु संदीपन विद्यावारिधि को सकल विद्या पढ़ाये।। शास्त्र पारंगत विशारद पवित्रात्मा आ…

प्यार 

Kavita | प्यार

प्यार  ( Pyar ) बड़ा-छोटा काला-गोरा मोटा-पतला अमीर-गरीब हर किसी को हो सकता है-किसी से प्यार , यह ना माने सरहदें, ना देखे दरो-दीवार, हसीं-बदसूरत,बुढ़ा-जवान,तंदरूस्त-बीमार, यहाँ सबके लिए खुले हैं – प्यार के किवार । मैं नहीं तुम नहीं आप नहीं हम नहीं एक है बंदा-संग लिए बैठा रिश्ते हज़ार, सिर्फ़ दिल की सुनो जब…

भाग्य

Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita | Hindi Poem- भाग्य

भाग्य ( Bhagya )   एक  डाली  टूट  कर,  गिर  के  जँमी पे आ गयी। अपनों से कटते ही, दुनिया की नजर में आ गयी।   बचना  है  उसको, बचाना  है  यहाँ  अस्तित्व को, द्वंद   में   ऐसी  पडी,  घनघोर  विपदा  आ  गयी।   किसको अपना मानती, सन्देह किस पर वो करे। इससे  थी अन्जान  अब,…

नसीहत

Hindi Kavita | Hindi Poem | Hindi Poetry -नसीहत

नसीहत ( Nasihat ) ** वह आई छाई रहे न बिन वाई फाई टोकी विमला ताई देख रहे हैं तुझे सब ओ माई! कहां हो खोई? मोबाइल से नजरें हटाओ लोगों की नजर से नजर मिलाओ घुलो मिलो करो बातें चंद वरना समझेंगे सभी है तुझमें घमंड! यह बात नहीं अच्छी समझो मेरी बच्ची। लेखक-मो.मंजूर…

नफ़रतों की ही पड़ी इस बार ऐसी ओस है

Sad Shayari | Sad Love Shayari || नफ़रतों की ही पड़ी इस बार ऐसी ओस है

नफ़रतों की ही पड़ी इस बार ऐसी ओस है ( Nafraton Ki Hi Padi Is Bar Aisi Os Hai )     नफ़रतों  की  ही  पड़ी  इस बार ऐसी  ओस है! कर गयी उल्फ़त भरे फ़ूलों को ज़ख्मी ओस है   धूप से भी अब पिघलती ही नहीं उसकी यादें जम गयी यादों की दिल…