क्षितिज के तारे

क्षितिज के तारे | Kavita

क्षितिज के तारे ( Kshitij ke taare )   क्षितिज के तारे टूट रहे, अपनों के प्यारे छूट रहे। खतरों के बादल मंडराये, हमसे रब हमारे रूठ रहे।।   नियति का चलता खेल नया, कैसा  मंजर  दिखलाता है। बाजार बंद लेकिन फिर भी, कफ़न रोज बिकवाता है।।   मरघट  मौज  मना  रहा, सड़कों पर वीरानी…

मिली नई जिंदगी

मिली नई जिंदगी | Kavita

मिली नई जिंदगी ( Mili Nayi Zindagi )   बचते बचते बचा हूं मैं, सजते सजते बचा हूं मैं। शुक्र है मौला इलाही तेरा, टाल दिया जो अभी बुलावा मेरा। जिंदगी बख्श दी जिंदगी की खातिर, वरना यह समाज है बहुत ही शातिर! फायदे को अपने बनाए सारे कायदे, जीते जी जो ना निभा सके?…

समावेशी विकास की अवधारणा

समावेशी विकास की अवधारणा | Essay In Hindi

निबंध : समावेशी विकास की अवधारणा ( Concept of inclusive development : Essay In Hindi ) समावेशी विकास एक व्यापक अवधारणा है। इसका प्रमुख उद्देश्य देश के विकास प्रक्रिया में सभी नागरिकों को शामिल करने के साथ-साथ उनसे मिलने वाले लाभों की सत प्रतिशत पहुंच भी सुनिश्चित उन तक करना है। यानी कि समावेशी विकास…

मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते

मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते | Udasi shayari

मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते ( Mera Dil Ro Para Dekhte Dekhte )   मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते वो जुदा जब हुआ देखते देखते   कह सका बात दिल की नहीं उससे कुछ वो  जुदा  हो  गया  देखते  देखते   खा गया हूँ ठोकर पत्थर से नफ़रत की राह  मैं  तो  चला …

आज अपना हबीब है देखा

आज अपना हबीब है देखा | Ghazal

आज अपना हबीब है देखा ( Aaj apna habib hai dekha )   आज  अपना  हबीब  है देखा पास किसी के करीब है देखा   मत कर इतना गरूर ख़ुद पे तू हाँ  बिगड़ते  नसीब  है  देखा   बोलते हक़ में सच के मैंनें तो आज मैंनें रकीब है देखा   है परेशां यहां तो…

घड़ी

घड़ी | Bal kavita

घड़ी ( Ghadi )   टिक टिक टिक कर यह घड़ी बोलती इसके भीतर अलग-अलग तीन छड़ी घूमतीं सेकेंड, मिनट, घंटे से जो समय तोलतीं टिक टिक टिक कर यह घड़ी बोलती । बच्चों झटपट हो जाओ तुम सब तैयार मात-पिता, बड़ों को करो नमस्कार जल्दी पहुँचो स्कूल-तुमसे ये घड़ी बोलती शिक्षा ही सबकी उन्नति…

जगतगुरु आदि शंकराचार्य

जगतगुरु आदि शंकराचार्य | Kavita

जगतगुरु आदि शंकराचार्य ( Jagadguru Adi Shankaracharya )    धर्म और संप्रदाय पर जब था अंधकार का साया,  तब केरल के कालडी़ मैं जन्मे महान संत| 8 वर्ष की उम्र में सन्यासी बने सबको दिया ज्ञान,  कई ग्रंथ  रचकर  दिया सबको परम ज्ञान| सनातन धर्म स्थापित किया, अद्वैत चिंतन को पुनर्जीवित करके सनातन हिंदू धर्म…

तुम्हें मनाने आया हूं

तुम्हें मनाने आया हूं | Prarthana

तुम्हें मनाने आया हूं ( Tumhe manane aaya hun )   दीन दयाल दया के सागर तुम्हें   मनाने   आया  हूं शब्दों के मोती चुनकर फूल  चढ़ाने  लाया  हूं   हे  जग  के करतार सुनो केशव माधव दातार सुनो करुणा के सागर आप प्रभु अब दीनों की पुकार सुनो   कुछ चमत्कार हरि कर दो दूर …

माँ

माँ | Maa

माँ ( Maa )   जिसके होने से मैं खुद को मुकमल मानती हूं, मेरी मां के हर लफ्जों में दुआ है जानती हूँ । ?? मां शब्द जितना खूबसूरत है उससे भी अधिक खूबसूरत इसका एहसास है । संसार मे किसी भी जीव को जन्म देने का आशीर्वाद मां को ही प्राप्त है ।…

हे गगन के चन्द्रमा

हे गगन के चन्द्रमा | Kavita

हे गगन के चन्द्रमा ( He gagan ke chandrama )   तुम हो गगन के चन्द्रमा, मै हूँ जँमी की धूल। मुझको तुमसे प्रीत है, जो बन गयी है शूल। तेरे बिन ना कटती राते, दिल से मैं मजबूर, हे गगन के चन्द्रमा, तू आ जा बनके फूल।   रात अरू दिन के मिलन सा,क्षणिक…