मौसम ने ली अंगड़ाई ठंडक आई | Thandak

मौसम ने ली अंगड़ाई ठंडक आई

( Mausam ne lee angdai thandak aai )

 

पवन चले पुरवाई मौसम ने ली है अंगड़ाई।
आया मौसम सर्दी का शीत ऋतु अब आई।

लो आ गया माह दिसंबर का ठंडक आई भारी।
ठिठुर रहे हैं हाथ पांव लगती अब मस्त रजाई।

ओस कोहरा धुंध छाई सर्दी की दस्तक आई।
कांप रहे हैं लोग दुबके अलाव जला लो भाई।

पड़ रही कड़ाके की ठंडक सर्द हवा हरजाई।
कहीं ओले कहीं बर्फबारी ओस तरुवर छाई।

सर्दी के मौसम में खाओ मेवा मूंगफली प्यारे।
गरमा-गर्म जलेबी खा देखो ठंडक के नजारे।

ठंडी हवाएं बर्फीली लगती तीर ओ तलवारों सी।
कंबल कोट राहत देते रौनक उड़ी बाजारों की।

ठंड के मारे थर-थर कांपे ठिठुरन सी हो जाती।
शीत लहर सर्द हवाएं ठंडी सर्दी खूब सताती ।

शीतलता का संदेशा ले सर्दी का मौसम आया।
नया साल आने वाला उत्साह उमंग तन छाया।

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *